पिता मौलवी तो बेटा पुजारी... कासिम ‘कृष्ण’ बनकर मंदिर में कर रहा था पूजा-पाठ, ऐसे पकड़ा गया
punjabkesari.in Thursday, Jul 24, 2025 - 05:17 PM (IST)

नेशनल डेस्क: उत्तर प्रदेश के मेरठ से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां बिहार के एक मौलवी का बेटा मोहम्मद कासिम पिछले एक साल से अपनी पहचान छिपाकर ‘कृष्ण’ बनकर मेरठ के एक मंदिर में रह रहा था और पूजा-पाठ कर रहा था। मामला तब सामने आया जब ग्रामीणों को उसके व्यवहार पर शक हुआ और उन्होंने आधार कार्ड दिखाने को कहा। पहले तो वह बहानेबाजी करता रहा और फिर अचानक गायब हो गया। कुछ समय बाद लौटकर फिर मंदिर में रहने लगा।
कैसे हुआ शक?
मेरठ के दौराला थाना क्षेत्र के दादरी गांव के प्राचीन शिव मंदिर में लंबे समय से कोई पुजारी नहीं था। तभी युवक पहुंचा और खुद को “कृष्ण पुत्र संतोष, दिल्ली निवासी” बताकर मंदिर में रहने की इजाजत मांगी। ग्रामीणों ने मंदिर की देखरेख के लिए अनुमति दे दी। युवक ने सुबह-शाम पूजा-पाठ, प्रसाद वितरण और हवन कर ग्रामीणों का विश्वास जीत लिया। हस्तरेखा और ज्योतिष की बातें कर वह धीरे-धीरे लोगों को धर्मगुरु जैसा लगने लगा।
ग्रामीणों ने मांगा पहचान पत्र, हुआ खुलासा
कुछ समय बाद लोगों को उसकी भाषा और आचरण में असामान्यता दिखी। जब पहचान पत्र मांगा गया तो वह टालमटोल कर आधार कार्ड लाने के बहाने 15 दिन के लिए गायब हो गया। कुछ दिनों बाद मंदिर लौट आया, लेकिन भंडारे के दौरान मंदिर के कमरे से सामान निकालते हुए ग्रामीणों ने उसे पकड़ लिया और पुलिस को सूचना दी।
पुलिस पूछताछ में कबूला सच
पुलिस मौके पर पहुंची और सख्ती से पूछताछ की। युवक ने कबूल किया कि उसका असली नाम मोहम्मद कासिम है और वह मूल रूप से बिहार का रहने वाला है। उसके पिता अब्बास बिहार में मौलवी हैं। पुलिस के अनुसार, कासिम मंदिर में रहकर दान-पुण्य की राशि को अपने निजी उपयोग में ला रहा था।
एसपी सिटी मेरठ आयुष विक्रम सिंह ने बताया कि आरोपी ने अपनी पहचान छिपाकर मंदिर में रहकर पूजा-पाठ के नाम पर लोगों को धोखा दिया। उसके खिलाफ धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ और धोखाधड़ी के आरोप में मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया है। पुलिस ने बिहार पुलिस से संपर्क कर आरोपी की पृष्ठभूमि की जांच शुरू कर दी है। यह भी देखा जा रहा है कि कहीं इसके पीछे कोई साजिश तो नहीं थी। यदि किसी और की संलिप्तता पाई गई, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।