दोस्त PM मोदी की बात माने पुतिन, रूस  सेना में अवैध भर्ती सभी भारतीयों की स्वदेश वापसी को हुए राजी

punjabkesari.in Wednesday, Jul 10, 2024 - 01:49 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः रूस की सेना में तकरीबन 40  भारतीयों के फंसे होने की सूचना है।ये सभी रूस की सेना में गलत सूचना देकर अवैध भर्ती किए गए थे। अब इन  सभी भारतीयों को स्वदेश लौटने की इजाजत दे दी जाएगी। इन भारतीयों को रोजगार देने के बहाने बुलाया गया था और बाद में यूक्रेन सीमा पर चल रहे युद्ध में तैनात कर दिया गया। यूक्रेन के साथ युद्ध करते हुए अब तक दो भारतीय मारे भी जा चुके हैं।  रूस यात्रा पर गए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को राष्ट्रपति पुतिन की तरफ से दिए गए रात्रि भोज के दौरान मुलाकात में इस मुद्दे को बहुत ही मजबूती से उठाया था और हर भारतीय को छोड़े जाने की मांग की थी।

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राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इसकी हामी भरी है। इसके पहले पिछले हफ्ते विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ बैठक में इस मुद्दे को उठाया था। मोदी और पुतिन की अध्यक्षता में 22वां भारत-रूस शिखर सम्मेलन मंगलवार को संपन्न हुआ जिसमें दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने के कई आयामों पर बात की। मौदी व पुतिन के बीच हुई वार्ता में भारत और रूस के रिश्तों के आयाम बदलने के भी संकेत हैं। अब दोनों देशों के बीच रक्षा क्षेत्र में संबंध प्राथमिकता में नीचे आ गए हैं। वैसे मोदी ने इस बैठक में यूक्रेन युद्ध के बाद भारत के सैन्य क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाली रूसी सैन्य सामग्रियों के कल-पुर्जे व गोला-बारूद की कमी का मुद्दा उठाया है। 

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विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने बताया कि शिखर सम्मेलन में आर्थिक एजेंडा ज्यादा हावी रहा है। वर्ष 2030 तक द्विपक्षीय कारोबार को मौजूदा 65 अरब डालर से बढ़ाकर 100 डालर करने का लक्ष्य रखा गया है। वर्ष 2021 में 21वें शिखर सम्मेलन में द्विपक्षीय कारोबार को वर्ष 2025 तक 25 अरब डालर करने का लक्ष्य रखा गया था। यह इसलिए संभव हुआ है क्योंकि यूक्रेन युद्ध के बाद भारत ने अमेरिका व पश्चिमी देशों के दबाव को दरकिनार करके सैन्य सहयोग से ज्यादा आपसी कारोबार बढ़ाने पर जोर दिया। 

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बता दें कि  रूस से भारी मात्रा में कच्चे तेल की खरीद की है। इससे भारत को अपेक्षाकृत सस्ती दर पर कच्चा तेल उपलब्ध हुआ तो युद्ध लड़ रहे रूस को अच्छी-खासी विदेशी मुद्रा की आमदनी हुई है। प्रधानमंत्री ने कहा भी कि जब दुनिया खाद्य, उर्वरक और ईंधन की कमी महसूस कर रही थी, तब हमने रूस की मदद से अपने किसानों को किसी तरह की समस्या का सामना नहीं करने दिया। रूस से तेल और उर्वरक खरीदने से भारत को महंगाई से लड़ने में मदद मिली है। भारत ने रूस से और ज्यादा उर्वरक खरीदने की मंशा भी जताई है।


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Content Writer

Tanuja

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