सैनिकों की मौत को लेकर बिलबिलाया चीन, भारत के सामने दर्ज कराया विरोध

punjabkesari.in Tuesday, Jun 16, 2020 - 09:02 PM (IST)

बीजिंगः चीन ने 15 जून को भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प को लेकर बिलबिला उठा है और उसने भारत के समक्ष विरोध दर्ज कराया है। चीन का दावा है कि भारतीय सैनिकों ने ‘‘अवैध गतिविधियों के लिए सीमा रेखा लांघी और चीनी सैनिकों को उकसाया एवं उन पर हमले किए'' जिसके कारण दोनों पक्षों के बीच गंभीर रूप से मारपीट हुई। भारत के राजदूत विक्रम मिसरी ने यहां कहा कि चीन के विदेश उपमंत्री लुओ झाओहुई के साथ बैठक के दौरान विरोध ‘‘दर्ज कराया'' गया।
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मिसरी ने कहा कि ‘‘चीन के विदेश मंत्रालय में बैठक हुई'' जिस दौरान सोमवार को वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास हुई घटना पर चर्चा की गई। यह पूछने पर कि क्या चीन ने विरोध दर्ज कराया है, मिसरी ने कहा, ‘‘हां, बैठक के दौरान इसका जिक्र हुआ'' लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्हें समन नहीं किया गया था। यह पूछने पर कि क्या चीन के विदेश मंत्रालय ने उन्हें समन किया था तो मिसरी ने कहा, ‘‘समन गलत शब्द होगा।'' यह पूछने पर कि क्या चीन ने उसकी तरफ हुए नुकसान की चर्चा की या जिक्र किया तो उन्होंने कहा, ‘‘कल क्या हुआ था, हमारी चर्चा मुख्यत: उसी पर हुई लेकिन हमने हताहतों के बारे में चर्चा नहीं की।'' लुओ पहले भारत में चीन के राजदूत रहे चुके हैं।
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चीन ने आरोप लगाया है कि भारतीय सैनिकों ने 15 जून को दो बार ‘‘अवैध गतिविधियों के लिए सीमा रेखा लांघी और चीन के कर्मियों को उकसाया तथा उन पर हमले किए'' जिसके कारण दोनों पक्षों के बीच गंभीर मारपीट हुई। इससे कुछ घंटे पहले भारतीय सेना ने कहा कि गलवान घाटी में ‘‘तनाव कम करने की प्रक्रिया'' के दौरान सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई। भारतीय सेना के मुताबिक, पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार को चीन के सैनिकों के साथ हिंसक झड़प के दौरान एक अधिकारी और दो सैनिक शहीद हो गए।
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45 साल बाद हुई LAC पर हिंसक झड़प
पिछले 45 वर्षों में भारत-चीन सीमा पर इस तरह की पहली घटना है जो व्यापक तनाव को दर्शाती है। सेना ने यह भी कहा कि हिंसक झड़प के दौरान दोनों तरफ के सैनिक मारे गए हैं। बहरहाल, चीनी पक्ष की तरफ से मरने वालों के बारे में बीजिंग ने फिलहाल पुष्टि नहीं की है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिनजियान ने सीमा पर भारतीय सैनिकों के शहीद होने की खबर के बारे में पूछे जाने पर बीजिंग में कहा, ‘‘आप जो सूचना दे रहे हैं, उसके बारे में मुझे जानकारी नहीं है।''
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झाओ ने कहा, ‘‘हमारे सैनिकों की उच्च स्तरीय बैठक हुई थी और सीमा पर स्थिति को सामान्य बनाने के बारे में महत्वपूर्ण सहमति बनी थी लेकिन आश्चर्यजनक रूप से 15 जून को भारतीय सैनिकों ने हमारी सहमति का गंभीर रूप से उल्लंघन किया और अवैध गतिविधियों के लिए दो बार सीमा रेखा लांघी, चीन के कर्मियों को उकसाया एवं उन पर हमले किए जिससे दोनों पक्षों के बीच गंभीर रूप से मारपीट हुई। चीन ने भारतीय पक्ष के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया है।''


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Yaspal

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