देश के 13 बड़े शहरों में मकानों के दाम बढ़े, 132 के पार पहुंचा हाउसिंग प्राइस इंडेक्स: रिपोर्ट

punjabkesari.in Friday, Aug 08, 2025 - 06:27 PM (IST)

नेशनल डेस्क: देश के 13 प्रमुख शहरों में आवासीय संपत्तियों की मजबूत मांग के चलते इस साल मार्च 2025 में हाउसिंग प्राइस इंडेक्स (HPI) बढ़कर 132 अंक पर पहुंच गया है। पिछले साल मार्च में यह आंकड़ा 124 पर था। यानी साल भर में इसमें 8 अंकों की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। यह जानकारी REA इंडिया (हाउसिंग डॉट कॉम) और इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस (ISB) की संयुक्त रिपोर्ट में दी गई है।

किन शहरों में ट्रैक हुआ हाउसिंग प्राइस इंडेक्स?

यह रिपोर्ट अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, फरीदाबाद, गांधीनगर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई, नोएडा और पुणे जैसे 13 बड़े शहरों में मकानों की कीमतों के रुझान को ट्रैक करती है। हालांकि रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि इस साल फरवरी की तुलना में मार्च में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है। जनवरी 2025 में यह सूचकांक 131 पर था।

कीमतों में स्थिरता, बाजार के स्वस्थ होने का संकेत: प्रवीण शर्मा

REA इंडिया के CEO प्रवीण शर्मा ने कहा, "भारतीय आवास बाजार इस समय एक संतुलन की स्थिति में है। पिछले कुछ महीनों की लगातार बढ़ोतरी के बाद अब कीमतों में स्थिरता देखने को मिल रही है। यह स्थिरता बाजार की सतर्क धारणा और आपूर्ति में सुधार का परिणाम है, जो आगे चलकर दीर्घकालिक और स्थिर विकास की नींव रखती है।"

उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि कीमतों में यह स्थिरता आगे भी बनी रहेगी, जिससे अंतिम उपभोक्ताओं को घर खरीदने में अधिक विश्वास मिलेगा।

ब्याज दरों में कटौती से बढ़ी खरीद क्षमता

प्रवीण शर्मा ने आगे कहा कि हाल ही में ब्याज दरों में कटौती, लोगों की आय में बढ़ोतरी और बेहतर जीवनशैली की आकांक्षाएं मिलकर आवासीय मांग को मजबूत कर रही हैं। इसके चलते आवास क्षेत्र का भविष्य लचीला और आशाजनक दिखाई दे रहा है।

ISB प्रोफेसर का बयान: "मूल्य स्थिरता बाजार की परिपक्वता का संकेत"

ISB में अर्थशास्त्र और सार्वजनिक नीति विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. शेखर तोमर ने कहा कि, "कीमतों में जो स्थिरता देखी जा रही है, वह एक परिपक्व और संतुलित आवास बाजार की ओर इशारा करती है।" रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि 2025 की शुरुआत में कीमतों का स्थिर रहना कई कारकों का नतीजा है, जैसे – वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता, खरीदारों की सतर्कता, और नए प्रोजेक्ट लॉन्च की सीमित संख्या।


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News Editor

Parveen Kumar

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