राष्ट्रपति कोविंद भी दिल्ली के प्रदूषण से चिंतित, कहा- धुंध देखकर सताने लगा अंत का डर

punjabkesari.in Wednesday, Nov 20, 2019 - 05:30 AM (IST)

नेशनल डेस्कः दिल्ली के प्रदूषण पर मंगलवार को एक तरफ संसद में चर्चा हुई तो दूसरी तरफ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी इस मसले पर चिंता जाहिर की। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि यह साल का एक ऐसा समय है, जब राजधानी दिल्ली सहित कई शहरों की वायु गुणवत्ता बेहद खराब हो चुकी है। उन्होंने कहा कि हम सब एक ऐसी चुनौती का सामना कर रहे हैं जो पहले कभी नहीं रही।
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राष्ट्रपति भवन में आयोजित आईआईटी, एनआईटी और आईआईएसटी के निदेशकों के सम्मेलन में राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, 'कई वैज्ञानिकों और भविष्यवक्ताओं ने दुनिया का अंत होने (डूम्स डे) की बात कही है। हमारे शहरों में आजकल धुंध जैसी स्थितियों को देखकर यह डर सताने लगा है कि भविष्य के लिए कही यह बात कहीं अभी ही सच नहीं हो जाए।
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लोकसभा में प्रदूषण को लेकर व्यापक चर्चा हुई। इस दौरान कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि दिल्ली की आबोहवा इतनी ज्यादा प्रदूषित हो जाती है, इतना ज्यादा धुआं हो जाता है कि लोग जहरीली गैस की सांस लेते हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया के 15 सबसे प्रदूषित शहरों में से 14 शहर भारत के हैं। तिवारी ने यह भी कहा कि ऐसा नहीं है हम इस समस्या से निपट नहीं सकते। बीजिंग इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। अगर बीजिंग की हवा साफ हो सकती है तो यहां क्यों नहीं।
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वहीं, टीएमसी सांसद ने मास्क पहनकर अपनी बात रखी. टीएमसी सांसद काकोली घोष ने कहा कि क्या स्वच्छ भारत जैसा मिशन स्वच्छ हवा के लिए नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि सरकार को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए और इस एक राष्ट्रीय मिशन बनाना चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ियों को साफ हवा मिल सके। दिल्ली पूर्व सीट से बीजेपी सांसद गौतम गंभीर ने भी अपनी बात रखी।
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उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण से हर तीन मिनट में 1 बच्चे की मौत होती है। हमें शॉर्टकट के बजाय लॉग-टर्म समाधान पर सोचना चाहिए नहीं तो हमारे बच्चों को इसकी बड़ी कीमत चुकानी होगी। यानी संसद में जिस चिंता को जाहिर किया गया, उसी को लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी चिंतित नजर आए।

 


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Yaspal

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