पोप फ्रांसिस को दुनिया का सलाम: विश्व नेताओं ने जताया शोक, PM मोदी ने लिखी ये भावुक पोस्ट
punjabkesari.in Monday, Apr 21, 2025 - 06:48 PM (IST)

International Desk: पोप फ्रांसिस के निधन पर सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित वैश्विक नेताओं ने शोक व्यक्त किया और इसे विश्व के लिए एक बड़ी क्षति बताया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “पोप फ्रांसिस के निधन से गहरा दुख हुआ है। इस दुख की घड़ी में, मैं वैश्विक कैथोलिक समुदाय के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। पोप फ्रांसिस को पूरी दुनिया में करुणा, विनम्रता और आध्यात्मिक साहस के प्रतीक के रूप में याद किया जाएगा। बचपन से ही उन्होंने प्रभु यीशु के आदर्शों को अपनाने में अपना जीवन समर्पित कर दिया था। उन्होंने हमेशा गरीबों और कमजोर लोगों की सेवा की। जो लोग तकलीफ में थे, उनके लिए वे आशा की किरण बने। मुझे उनसे हुई मुलाकातें अच्छे से याद हैं, और उनके समावेशी और सर्वांगीण विकास के संकल्प से मैं बहुत प्रेरित हुआ था। भारत के लोगों के प्रति उनका प्रेम हमेशा याद रखा जाएगा। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे।”
Deeply pained by the passing of His Holiness Pope Francis. In this hour of grief and remembrance, my heartfelt condolences to the global Catholic community. Pope Francis will always be remembered as a beacon of compassion, humility and spiritual courage by millions across the… pic.twitter.com/QKod5yTXrB
— Narendra Modi (@narendramodi) April 21, 2025
इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने कहा कि फ्रांसिस के निधन की खबर से ‘‘हमें अत्यंत दुख हुआ है और हम एक महान व्यक्ति को अलविदा कह रहे हैं।'' पोप फ्रांसिस का सोमवार सुबह 88 वर्ष की आयु में निधन हो गया जो प्रथम लातिन अमेरिकी पोप थे, जिन्होंने अपने करिश्माई व्यक्तित्व, विनम्र स्वभाव तथा गरीबों के प्रति चिंता के साथ पूरी दुनिया में लोगों पर अमिट छाप छोड़ी। फ्रांसिस फेफड़ों की बीमारी से पीड़ित थे। युवावस्था में उनके एक फेफड़े का हिस्सा निकाल दिया गया था। उन्हें 14 फरवरी, 2025 को सांस लेने में तकलीफ के कारण जेमेली अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वह वहां 38 दिन रहे थे। मेलोनी ने कहा, ‘‘मुझे उनकी मित्रता, उनकी सलाह और उनकी शिक्षाएं प्राप्त करने का सौभाग्य मिला।''
इतालवी प्रधानमंत्री
इतालवी प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘उनकी (पोप) शिक्षा और विरासत कभी नष्ट नहीं होगी। हम पवित्र पिता को दुख भरे हृदय से विदाई देते हैं, लेकिन हम जानते हैं कि अब वह प्रभु की छाया में हैं।'' आयरलैंड के विदेश मंत्री साइमन हैरिस ने आशा व्यक्त की कि पोप फ्रांसिस की शिक्षाएं विश्व को प्रेरित करती रहेंगी। उन्होंने कहा कि न्याय, शांति और मानव गरिमा के प्रति दिवंगत पोप की प्रतिबद्धता ने विश्व भर में लाखों लोगों को प्रभावित किया। हैरिस ने एक बयान में कहा कि गरीबों के कल्याण की चिंता, अंतर-धार्मिक संबंधों में सुधार का आह्वान और पर्यावरण की सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करने के संदेश से फ्रांसिस ‘‘आशा की किरण और बेजुबानों की आवाज'' बनकर सामने आए।
नीदरलैंड के प्रधानमंत्री व फ्रांसिसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने भी पोप के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘ब्यूनस आयर्स से लेकर रोम तक पोप फ्रांसिस चाहते थे कि चर्च सबसे गरीब लोगों के लिए खुशी और उम्मीद लेकर आए। इंसान आपस में और प्रकृति के साथ जुड़ें।'' नीदरलैंड के प्रधानमंत्री डिक स्कोफ ने पोप फ्रांसिस को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि पोप ‘‘हर तरह से जनता के व्यक्ति थे।'' स्कोफ ने ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘वैश्विक कैथोलिक समुदाय एक ऐसे नेता को विदाई दे रहा है जिसने हमारे समय के ज्वलंत मुद्दों को पहचाना और उन पर ध्यान आकृष्ट किया। अपनी संयमित जीवनशैली, सेवा और करुणाभरे स्नेह के साथ पोप फ्रांसिस अनेक लोगों के लिए एक आदर्श थे।''
इजराइल के राष्ट्रपति
इजराइल के राष्ट्रपति आइजैक हर्ज़ोग ने पोप के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए ‘एक्स' पर कहा कि उन्होंने यहूदियों के साथ मजबूत संबंध बनाए और अंतर-धार्मिक संवाद को बढ़ावा दिया। फ्रांसिस ने बार-बार इजराइल के युद्ध आचरण की आलोचना की थी और कहा था कि नरसंहार के आरोपों की जांच होनी चाहिए। यूरोपीय संघ की शीर्ष नेता उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि फ्रांसिस न केवल ईसाइयों के लिए, बल्कि पूरे विश्व के लिए प्रेरणा थे।
अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस
भारत यात्रा पर गए अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने पोप के निधन पर दुख व्यक्त किया और कहा कि उनका “दिल दुनिया भर के उन लाखों ईसाइयों के लिए दुखी है, जो उनसे प्यार करते थे।” वेंस ‘ईस्टर संडे' के दिन पोप फ्रांसिस से मिले थे। उन्होंने ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘कल उनसे मिलकर मुझे बहुत खुशी हुई, हालाँकि वह बहुत बीमार थे। लेकिन मैं उन्हें हमेशा कोविड के शुरुआती दिनों में दिए गए उनके प्रवचन के लिए याद रखूँगा। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।'' ‘
चर्च ऑफ इंग्लैंड' के कार्यवाहक प्रमुख
चर्च ऑफ इंग्लैंड' के कार्यवाहक प्रमुख स्टीफन कॉटरेल ने पोप फ्रांसिस की बुद्धिमता, करुणा और विश्व के धर्मों के बीच संबंधों को सुधारने की उनकी प्रतिबद्धता को याद किया। यॉर्क के आर्कबिशप स्टीफन कॉटरेल ने कहा कि पोप फ्रांसिस का जीवन गरीबों की सेवा, प्रवासियों और शरण चाहने वालों के प्रति करुणा एवं पर्यावरण की रक्षा के प्रयासों पर केंद्रित था।