इजराइली PM नेतन्याहू ने खुलकर की ट्रंप की प्रशंसा, कहा- पहले ताकत दिखाई जाती है, फिर...
punjabkesari.in Sunday, Jun 22, 2025 - 07:43 AM (IST)

यरुशलम :ईरान पर अमेरिका के ताजा हवाई हमलों के बाद इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की खुलकर तारीफ की है। नेतन्याहू ने कहा कि अमेरिका ने ताकत के साथ कार्रवाई की है और यही असली रास्ता है जिससे शांति लाई जा सकती है।
रविवार तड़के एक वीडियो संदेश में नेतन्याहू ने कहा, "राष्ट्रपति ट्रंप और मैं अक्सर कहते हैं – ‘शांति ताकत के ज़रिए आती है।’ पहले ताकत दिखाई जाती है, फिर शांति आती है। और आज रात, ट्रंप और अमेरिका ने पूरी ताकत के साथ कार्रवाई की है।” यह बयान ऐसे समय आया है जब ट्रंप ने इज़राइल की सैन्य मुहिम में सीधी भागीदारी लेते हुए ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों पर "बहुत सफल" हवाई हमले किए। अमेरिका के इस कदम को ईरान के खिलाफ चल रहे इज़राइली अभियान को मजबूती देने के तौर पर देखा जा रहा है। ईरान और इज़राइल के बीच बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका की यह सीधी सैन्य कार्रवाई मध्य पूर्व में हालात को और संवेदनशील बना सकती है। नेतन्याहू के मुताबिक, यह हमला न सिर्फ इज़राइल बल्कि पूरी दुनिया की सुरक्षा के लिए जरूरी था।
President Trump and I often say: ‘Peace through strength.’
— Benjamin Netanyahu - בנימין נתניהו (@netanyahu) June 22, 2025
First comes strength, then comes peace.
And tonight, @realDonaldTrump and the United States acted with a lot of strength. pic.twitter.com/7lTWCZkgw7
वहीं ईरान पर हवाई हमले के बाद व्हाइट हाउस ने दुनिया को बड़ा संदेश देते हुए कहा गया है कि ईरान में की गई सैन्य कार्रवाई यह साफ संदेश देती है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जो कहते हैं, वह करते हैं। अमेरिकी सदन के अध्यक्ष माइक जॉनसन ने कहा एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने ईरान के नेताओं को कई बार बातचीत और परमाणु निरस्त्रीकरण (न्यूक्लियर डिसआर्मामेंट) समझौते का मौका दिया, लेकिन ईरान ने हर बार इनकार किया। ट्रंप पहले ही साफ कर चुके थे कि अमेरिका ईरान को परमाणु हथियार रखने की इजाज़त नहीं देगा, और अब यह चेतावनी कड़े और सटीक सैन्य कदम के ज़रिए लागू कर दी गई है।
जॉनसन ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप का यह फैसला उस ईरान को रोकने के लिए है जिसे दुनिया का सबसे बड़ा आतंकवाद समर्थक देश माना जाता है और जो "अमेरिका की मौत हो" जैसे नारे लगाता है। अमेरिका यह सुनिश्चित करना चाहता है कि ईरान जैसे देश के हाथों में परमाणु हथियार न पहुंचे। यह कदम अमेरिका की "अमेरिका फर्स्ट" नीति का हिस्सा बताया गया है। अंत में, व्हाइट हाउस ने अमेरिकी सेना के जवानों की तारीफ करते हुए कहा, "हमारी सेना दुनिया की सबसे ताकतवर फोर्स है। हम उनके सुरक्षित लौटने की प्रार्थना करते हैं। भगवान अमेरिका को आशीर्वाद दे।"