युवाओं की ज़िंदगी से 1000 दिन हुए कम, यह है सबसे बड़ा कारण

punjabkesari.in Tuesday, Sep 09, 2025 - 09:49 AM (IST)

नेशनल डेस्क। भारत में वायु प्रदूषण एक बड़ा खतरा बन गया है जिसका सीधा असर लोगों की सेहत पर पड़ रहा है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस 'जहरीली हवा' के कारण भारतीयों की औसत उम्र कम हो रही है और हर साल लाखों लोग गंभीर बीमारियों का शिकार हो रहे हैं।

प्रदूषण से कम हो रही है जीवन की अवधि

डॉ. राकेश के. चावला के अनुसार अगर हम फाइन पार्टिकुलेट प्रदूषण को आधा कर दें और सीओपीडी, अस्थमा और टीबी जैसी बीमारियों का सही इलाज करें तो हम हर साल लाखों लोगों को अस्पताल जाने से बचा सकते हैं। "स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर 2020" की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में प्रदूषण लोगों की औसत आयु से लगभग 1,000 दिन (1.5 से 2 साल) कम कर रहा है।

युवाओं के फेफड़ों पर खतरा

विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि युवाओं के फेफड़ों की सेहत तेजी से बिगड़ रही है। पहले फेफड़ों की बीमारियां सिर्फ बुजुर्गों में देखी जाती थीं लेकिन अब युवाओं में भी फेफड़ों का कैंसर, सीओपीडी और टीबी के मामले बढ़ रहे हैं। हर साल अकेले फेफड़ों के कैंसर के लगभग 81,700 नए मामले सामने आ रहे हैं।

यह भी पढ़ें: संबंध से पहले मादा को कैसे काबू करता है नर शार्क? स्टडी में हुआ चौंकाने वाला खुलासा!

प्रदूषण के प्रमुख कारण

रसोई का धुआं और बायोमास ईंधन: ये महिलाओं में फेफड़ों के कैंसर का कारण बन रहे हैं।

शहरों में प्रदूषण: खराब हवा में दौड़ना, ट्रैफिक जाम में फंसना और प्रदूषित कक्षाओं में बैठना भी युवाओं के फेफड़ों को नुकसान पहुंचा रहा है।

डब्ल्यूएचओ (WHO) की रिपोर्ट के अनुसार 2022 में भारत में हर 1 लाख लोगों में लगभग 199 नए टीबी के मामले सामने आए। इसके अलावा दुनिया भर में पांच साल से कम उम्र के बच्चों की 14% मौतें निमोनिया के कारण होती हैं।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Rohini Oberoi

Related News