औरंगजेब की कब्र पर सियासी बवाल: फडणवीस ने दिया अहम बयान, पुलिस ने बढ़ाई सुरक्षा
punjabkesari.in Monday, Mar 17, 2025 - 05:53 PM (IST)

नेशनल डेस्क: महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र को लेकर सियासी माहौल गरमाता जा रहा है। छत्रपति संभाजीनगर स्थित औरंगजेब के मकबरे को लेकर हिंदू संगठनों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल जैसे हिंदू संगठनों ने इस मकबरे को तोड़ने की धमकी दी है। इन संगठनों का आरोप है कि औरंगजेब ने हिंदू धर्म के खिलाफ कई अत्याचार किए थे, और इसलिए उसकी कब्र को सम्मान नहीं मिलना चाहिए। इस बीच, भाजपा विधायक टी राजा ने भी इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा कि उनका संकल्प है कि औरंगजेब की कब्र को तोड़ा जाए। उनका यह बयान विवादों का कारण बन गया है, क्योंकि हिंदू संगठनों की यह मांग लगातार उठ रही है कि औरंगजेब की कब्र को नष्ट किया जाए, ताकि उसकी उपासना या महिमा मंडन को रोका जा सके।
कांग्रेस नेता ने फडणवीस की तुलना औरंगजेब से की
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को लेकर कांग्रेस नेता हर्षवर्धन सपकाल ने एक विवादित बयान दिया। सपकाल ने फडणवीस की तुलना औरंगजेब से की, और कहा कि जैसे औरंगजेब एक क्रूर शासक था और सत्ता के लिए धर्म का इस्तेमाल करता था, ठीक उसी तरह फडणवीस भी धर्म का इस्तेमाल कर रहे हैं। उनके इस बयान ने राज्य में सियासी तूफान खड़ा कर दिया। सपकाल के बयान का जवाब देते हुए, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में कहा कि राज्य सरकार औरंगजेब की कब्र की सुरक्षा जरूर करेगी, लेकिन उसकी महिमा मंडन या पूजा की कोई अनुमति नहीं दी जाएगी।
फडणवीस ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार इस कब्र की रक्षा करेगी, लेकिन इस स्थान को लेकर कोई भी महिमा मंडन स्वीकार नहीं किया जाएगा। इसके बजाय, छत्रपति शिवाजी महाराज के मंदिरों का महिमा मंडन किया जाएगा। फडणवीस ने कहा, “अगर कोई औरंगजेब की कब्र की तारीफ करने की कोशिश करेगा, तो हम उसे सख्ती से जवाब देंगे।” उनका यह बयान काफी महत्वपूर्ण था क्योंकि उन्होंने अपने बयान में शिवाजी महाराज का नाम लिया और कहा कि उनके कारण ही आज हम अपने धर्म के अनुसार पूजा करने में सक्षम हैं। उन्होंने यह भी कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने स्वराज्य की स्थापना के लिए कड़ी लड़ाई लड़ी और देश को धर्म के खिलाफ खड़ा होने की प्रेरणा दी।
औरंगजेब की कब्र की सुरक्षा
हिंदू संगठनों की चेतावनी के बाद, प्रशासन ने औरंगजेब की कब्र की सुरक्षा के लिए शहर में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया है। पुलिस को आशंका है कि यदि भीड़ औरंगजेब की कब्र तक पहुंची, तो स्थिति बिगड़ सकती है। इस कारण से, प्रशासन ने मकबरे में सीधी एंट्री पर रोक लगा दी है और सुरक्षा कड़ी कर दी है। मकबरा संभाजीनगर शहर से लगभग 30 किलोमीटर दूर खुलताबाद में स्थित है। सुरक्षा बलों ने इस स्थल की घेराबंदी की है, ताकि किसी भी तरह का विरोध प्रदर्शन या हिंसा न हो सके। पुलिस प्रशासन इस पूरे मामले को लेकर चौकस है और हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।
औरंगजेब को एक कुशल शासक बताया
कुछ दिन पहले, समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी ने भी औरंगजेब के बारे में एक विवादित बयान दिया था। उन्होंने औरंगजेब को एक कुशल शासक बताया और कहा कि उसने न केवल मंदिरों को तोड़ा, बल्कि मस्जिदों को भी तोड़वाया। अबू आजमी का यह बयान राज्य में सियासी हंगामे का कारण बन गया था। कई हिंदू संगठनों और नेताओं ने उनके बयान पर विरोध जताया और उन्हें अपनी बात वापस लेने के लिए मजबूर किया। अंत में, अबू आजमी ने अपने बयान को वापस ले लिया था और यह विवाद शांत हुआ। महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र को लेकर सियासी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार इस मकबरे की सुरक्षा करेगी, लेकिन उसकी महिमा मंडन नहीं होने देंगे। इस मुद्दे पर कई संगठनों के विरोध के बावजूद, प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं, ताकि किसी भी तरह की अशांति से बचा जा सके। अबू आजमी के विवादित बयान के बाद से यह मामला और भी तूल पकड़ चुका है।