तमिलनाडु: पन्नीरसेल्वम खेमे का संकेत-विलय को तैयार, हो सकती है शशिकला की छुट्टी

punjabkesari.in Tuesday, Apr 18, 2017 - 02:53 PM (IST)

चेन्नई: सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक (अम्मा) धड़े ने संभावित सुलह-समझौते के मुद्दे पर पन्नीरसेल्वम के विरोधी खेमे से बातचीत के लिए एक दल के गठन की घोषणा की। वीके शशिकला खेमे के वरिष्ठ नेता एवं सहकारिता मंत्री सेल्लूर के राजू ने कहा कि मुख्यमंत्री के पलानीसामी ने इस उद्देश्य के लिए ‘‘वरिष्ठ मंत्रियों’’ के दल का गठन किया है। राजू ने तमिल टीवी चैनल से कहा, ‘‘पैनल के वार्ता करने की काफी अधिक संभावना है।’’  उन्होंने कहा कि चूंकि यह ‘‘दो भाईयों के बीच मतभेद’’ का मामला है इसलिए विलय संबंधी बातचीत के लिए किसी भी पक्ष द्वारा नियम या शर्तें लगाना उचित नहीं होगा। इस बीच आे पन्नीरसेल्वम खेमे ने ट्विटर के जरिए जताया है कि वह अन्नाद्रमुक (अम्मा) धड़े से बातचीत करने को तैयार है। उन्होंने कहा कि यह दल हमसे मुलाकात करता है तो हम भी विचार-विमर्श के लिए तैयार हैं।’’

गौरतलब है कि अन्नाद्रमुक के विरोधी धड़ों के विलय को लेकर बातचीत के बीच तमिलनाडु सरकार के कई वरिष्ठ मंत्रियों ने सोमवार देर रातबैठक की। बाद में इन मंत्रियों ने विरोधी गुट के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री ओ.पन्नीरसेल्वम के विलय संबंधी प्रस्ताव का स्वागत किया और इस प्रस्ताव पर आगे बढ़ने का फैसला किया। वहीं माना जा रहा है कि आज इस पर कोई अहम फैसला हो सकता है और विलय की घोषणा पर मुहर लग सकती है। वहीं आज विधायक दल की आपात बैठक बुलाने का फैसला किया है। माना जा रहा है कि इस बैठक में विधायक दल का नया नेता चुना जा सकता है।

एआईएडीएमके पार्टी को ओ.पन्‍नीरसेल्‍वम तथा वीके शशिकला गुट अपना-अपना बताने पर जुटा हुआ है। हालांकि दोनों के मर्जर की भी संभावना है। यह भी माना जा रहा है कि पन्‍नीरसेल्‍वम को विधायक दल का नेता चुना जा सकता है। साथ ही वीके शशिकला को पार्टी महासचिव समेत सभी पदों से बेदखल भी किया जा सकता है। गत रात हुई बैठक बिजली मंत्री के. थंगामणि के आधिकारिक आवास पर हुई। बैठक से बाहर आते हुए वित्त मंत्री डी. जयकुमार ने कहा कि दीनाकरन और पनीरसेल्वम के नेतृत्व वाले धड़ों के विलय का रास्ता का साफ करने करने के तौर-तरीकों को लेकर काम चल रहा है। पार्टी सूत्रों ने कहा कि बैठक में स्वास्थ्य मंत्री यी.विजय भास्कर भी शामिल हुए जो आयकर विभाग की जांच के घेरे में हैं। मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी इस बैठक में शामिल नहीं हुए। विजय भास्कर का इस बैठक में शामिल होना महत्वपूर्ण है क्योंकि इसकी अटकलें थीं कि कुछ वरिष्ठ मंत्रियों ने उनके इस्तीफे की मांग की है।


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