Health Insurance: हेल्थ इंश्योरेंस बंद करा रहे लोग, बीमा कंपनियों ने पॉलिसीहोल्डर्स को दिया बड़ा झटका
punjabkesari.in Tuesday, Mar 04, 2025 - 08:52 AM (IST)

नेशनल डेस्क: हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम बढ़ने से कई पॉलिसीधारकों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। कुछ लोगों को बीमा छोड़ना पड़ रहा है, जबकि कुछ कम कवरेज वाले प्लान लेने को मजबूर हो रहे हैं। इस साल 10 में से 1 व्यक्ति ने अपनी पॉलिसी रिन्यू नहीं कराई, जबकि लगभग 10% लोगों के हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम में 30% या उससे ज्यादा की बढ़ोतरी हुई।
बीमा कंपनियों का कहना है कि क्लेम रेश्यो बिगड़ने के कारण प्रीमियम में इजाफा हुआ है। क्लेम रेश्यो का मतलब है कि बीमा कंपनियों ने जितना प्रीमियम इकट्ठा किया, उसमें से कितना क्लेम के रूप में चुका दिया गया।
प्रीमियम बढ़ोतरी का असर
- पिछले 10 सालों में 52% पॉलिसीहोल्डर्स के प्रीमियम में सालाना 5-10% की बढ़ोतरी हुई।
- 38% लोगों की पॉलिसी पर 10-15% सालाना बढ़ोतरी दर्ज की गई।
- 3% पॉलिसीधारकों का प्रीमियम हर साल 15-30% की दर से बढ़ा, जिससे उनकी जेब पर भारी असर पड़ा।
मेडिकल महंगाई भी बनी वजह
हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम का बढ़ना सिर्फ एक समान दर से नहीं होता। हर तीन साल में बीमा कंपनियां मेडिकल महंगाई और इलाज के खर्च को ध्यान में रखते हुए अपने रेट्स अपडेट करती हैं।
- इलाज का खर्च बढ़ने और नई तकनीकों के आने से भी बीमा महंगा हुआ है।
- उम्र बढ़ने पर भी प्रीमियम अधिक हो जाता है, खासतौर पर बुजुर्गों के लिए।
क्या कर रहे हैं ग्राहक?
प्रीमियम से बचने के लिए कई ग्राहक अलग-अलग विकल्प चुन रहे हैं—
- डिडक्टिबल प्लान: इसमें एक निश्चित रकम तक का खर्च ग्राहक खुद उठाते हैं, उसके बाद बीमा कंपनी भुगतान करती है।
- कम कवरेज वाले सस्ते प्लान: बढ़ते प्रीमियम के कारण कई लोग उच्च कवरेज छोड़कर छोटे प्लान चुन रहे हैं।
पॉलिसी रिन्यू न होने के अन्य कारण
बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि हेल्थ इंश्योरेंस के रिन्यू न होने का कारण सिर्फ प्रीमियम वृद्धि नहीं है।
- बीमा कंपनियों द्वारा क्लेम खारिज किया जाना भी एक बड़ी वजह है।
- पिछले 3 सालों में करीब 50% हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम को पूरी तरह या आंशिक रूप से खारिज कर दिया गया।
- इससे ग्राहकों का भरोसा टूटा और उन्होंने हेल्थ इंश्योरेंस लेने से कतराना शुरू कर दिया।
पॉलिसी बाजार रिपोर्ट क्या कहती है?
एक रिपोर्ट के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष 2024-25 में हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम कलेक्शन 10% तक घट गया है। हालांकि, बीमा कंपनियां इसे अस्थायी गिरावट मान रही हैं और उम्मीद कर रही हैं कि नए नियमों और सुधारों से बाजार में स्थिरता आएगी।