'PM मोदी ने मूल्य आधारित राजनीति की पेश की उदाहरण', देवेन्द्र फडणवीस बोले- नेताओं को उनसे सीखना चाहिए

punjabkesari.in Monday, Oct 07, 2024 - 12:51 PM (IST)

नेशनल डेस्क: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मूल्य आधारित राजनीति का उदाहरण पेश किया है और हर पार्टी के नेताओं को उनसे सीखना चाहिए कि उन्होंने स्वच्छ छवि के साथ कैसे काम किया।
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'मोदी जी ने हमारे सामने मूल्य आधारित राजनीति का उदाहरण पेश किया'
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता फडणवीस ने नागपुर में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के सार्वजनिक पद पर 23 वर्ष पूरे करने से संबंधित एक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा, ‘‘मोदी जी ने हमारे सामने मूल्य आधारित राजनीति का उदाहरण पेश किया है। मुझे लगता है कि सभी नेताओं को, चाहे वे किसी भी पार्टी के हों, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से यह सीखना चाहिए कि कैसे उन्होंने इन सभी वर्षों में मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के रूप में स्वच्छ छवि के साथ काम किया।'' मोदी ने सात अक्टूबर 2001 को गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी और 2014 में प्रधानमंत्री बनने से पहले वह 13 साल तक इस पद पर बने रहे। उन्होंने इस साल जून में लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला।
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महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने भाजपा नेता हर्षवर्धन पाटिल के राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार (राकांपा-एसपी) में शामिल होने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर कहा कि यह खबर पुरानी है। पाटिल ने शुक्रवार को घोषणा की थी कि वह अपने समर्थकों के साथ राकांपा (एसपी) में शामिल होंगे। इससे एक दिन पहले उन्होंने राकांपा (एसपी) प्रमुख शरद पवार से मुंबई में मुलाकात की थी। राज्य में विधानसभा चुनाव संभवत: अगले महीने होंगे। इंदापुर सीट से चार बार विधायक चुने जा चुके पाटिल एक बार फिर इंदापुर से चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं। इस सीट का प्रतिनिधित्व भाजपा की गठबंधन सहयोगी राकांपा करती है, जो इस बार संभवत: फिर से मौजूदा विधायक दत्तात्रय भरणे को मैदान में उतारेगी।

'चुनाव नजदीक आते ही टिकट चाहने वालों की संख्या बढ़ जाती है'
फडणवीस ने विधानसभा चुनाव से पहले बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ताओं के पार्टी कार्यालयों में आने के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘जब भी चुनाव नजदीक आते हैं, टिकट चाहने वालों की संख्या बढ़ जाती है। हम उनकी बात सुनते हैं कि वे क्या कहना चाहते हैं।''


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Content Editor

Harman Kaur

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