Mission Karmayogi Yojana- PM मोदी का ''मिशन कर्मयोगी''...जानिए क्या है योजना, क्यों की गई शुरू

punjabkesari.in Monday, Nov 07, 2022 - 04:23 PM (IST)

नेशनल डेस्क: मिशन कर्मयोगी योजना (Mission Karmayogi Yojana) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई योजना है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य सिविल सेवकों और कर्मचारियों की कार्य क्षमता को बढ़ाना है। मिशन कर्मयोगी योजना 2022 पर कैबिनेट बैठक में इसे मंजूरी दी गई। इस योजना के माध्यम से अधिकारियों को ऑनलाइन प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।

 

केंद्र सरकार IGOT कर्मयोगी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म चलाने के लिए एक ऐसे अनुभवी प्रशिक्षण को तलाश रही है जो दो करोड़ से अधिक अधिकारियों की प्रशिक्षण जरूरतों को पूरा कर सके और उनको अच्छे से प्रशिक्षित भी कर सके। सरकार ने मिशन कर्मयोगी योजना के लिए 5 साल का बजट बनाया है, जिसमें कुल 510.86 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। अभी तक केवल 1.52 लाख अधिकारी ही iGOT कर्मयोगी प्लेटफॉर्म से जुड़े हैं।

 

जानिए क्या है कर्मयोगी योजना

2 सितंबर, 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हुई कैबिनेट ने मिशन कर्मयोगी योजना को मंजूरी दी है। यह योजना सिविल सेवा के अधिकारियों की कार्यक्षमता बढ़ाने और कार्यप्रणाली में सुधार के लिए प्रारंभ की गई है। इसे मानव संसाधन क्षेत्र का अब तक का सबसे बड़ा सुधार माना जा रहा है। इसके माध्यम से सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों का कौशल विकास यानि स्किल डेवलपमेंट किया जाएगा। लगभग 46 लाख सरकारी कर्मचारी इस मिशन कर्मयोगी योजना (NPCSCB) के अंतर्गत आएंगे। और योजना के माध्यम से अधिकारियों का कौशल विकास किया जाएगा। और वे समाज सेवा में काफी बेहतर योगदान दे सकेंगे। इसलिए ऑन द साइड की ट्रेनिंग पर अधिकारियों के प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके लिए अधिकारियों को लैपटॉप भी दिए जाएंगे।

 

दी जाएगी स्पेशल ट्रेनिंग

मिशन कर्मयोगी योजना के तहत कर्मचारियों को एक विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके लिए ई-लर्निंग पर फोकस रहेगा। इसी के माध्यम से उन्हें आवश्यक कंटेंट प्रदान किया जाएगा। प्रशिक्षण के पश्चात ही अधिकारियों को तैनाती दी जाएगी। उनके कार्यों का निर्धारण किया जाएगा और खाली पदों के संबंध में अधिसूचना जारी की जाएगी।

 

मिशन कर्मयोगी योजना का उद्देश्य

 इस योजना को लाने के पीछे का उद्देश्य जनता की अपेक्षाओं पर खरे उतरने वाले अधिकारी तैयार करना है। सिविल सेवाओं के प्रति युवाओं में बेहद उत्साह होता है। वह बड़े पैमाने पर सिविल सेवा भर्ती परीक्षाओं में शिरकत भी करते हैं। इसका एक मकसद यह भी है कि सिविल सेवा के जरिये सीधे जनता से जुड़ने और उनकी समस्याओं को हल करने, उनके दुखों को दूर करने का अवसर मिलता है। लेकिन पिछले कुछ समय से देखा गया है कि सिविल अधिकारी और कर्मचारी जनता की अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतर रहे। ऐसे में उनकी कार्यप्रणाली में सुधार और उन्हें प्रशिक्षण की जरूरत महसूस की जा रही थी। इसे देखते हुए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्तक्षेप के बाद मिशन कर्मयोगी योजना को मंजूरी दी गई।

 

इस योजना के जरिये उनका फोकस अधिकारियों और कर्मचारियों के काम करने की शैली और प्रणाली में सुधार करना है। इस योजना के तहत नियुक्ति के बाद अफसरों को प्रशिक्षण देकर उनकी क्षमता में वृद्धि की जाएगी। बता दें कि इस योजना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में संचालित किया जाएगा। इसमें एचआर कौंसिल के अतिरिक्त कुछ चुनिंदा मंत्री और विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल होंगे। कर्मयोगी योजना का उद्देश्य भारतीय सिविल सेवकों को अधिक रचनात्मक, कल्पनाशील, सक्रिय, पेशेवर, प्रगतिशील, ऊर्जावान, सक्षम, पारदर्शी और तकनीकी बनाकर उनका परिचय कराना है। ताकि वे अपनी क्षमता के अनुसार अपना काम कर सकें।


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Content Writer

Seema Sharma

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