ममता के गढ़ में बोले पीएम मोदी- बंगाल के लोग चाहते हैं बदलाव, सबको नए सूरज का इंतजार

punjabkesari.in Sunday, Feb 07, 2021 - 04:54 PM (IST)

नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल में के हल्दिया में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि आज हम मां गंगा के एक छोर पर हैं लेकिन जो मां गंगा का उद्गम स्थल है, वो राज्य उत्तराखंड इस समय एक आपदा के सामना कर रहा है। उत्तराखंड में ऐसे परिवार मुश्किल से मिलते हैं जिनका कोई न कोई सदस्य फौज में न हो। यानि वहां के लोगों का हौसला, किसी भी आपदा को मात दे सकता है। वहां के लोग के लिए मैं प्रार्थना कर रहा हूं, बंगाल प्रार्थना कर रहा है, देश प्रार्थना कर रहा है। पीएम मोदी ने रविवार को पश्चिम बंगाल के एक दिवसीय दौरे के दौरान बीपीसीएल द्वारा निर्मित एलपीजी आयात टर्मिनल का लोकार्पण किया।

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इसी के साथ उन्होंने प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा परियोजना के तहत दोभी-दुर्गापुर नेचुरल गैस पाइपलाइन खंड की शुरुआत की। पीएम मोदी ने बंगाल में कहा कि पिछली बार मैं नेताजी मैं नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी की जन्म जयंती पर बंगाल आया था। आज हल्दिया सहित पश्चिम बंगाल के विकास से जुड़ी करीब 5,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास करने के लिए आपके बीच आया हूं। पश्चिम बंगाल का विकास और यहां आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण केंद्र सरकार की निरंतर प्राथमिकता रही है। कोलकाता में साढ़े 8 हज़ार करोड़ रुपए की लागत से मेट्रो प्रोजेक्ट पर तेज़ी से काम चल रहा है। इस बार के बजट में केंद्र सरकार ने इस अभियान को और विस्तार दिया है।

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पीएम के संबोधन के प्रमुख अंश

  • इस साल के बजट में चाय बगानों से जुड़े लाखों साथियों पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। इनके लिए 1,000 करोड़ रु के पैकेज की व्यवस्था की गई है। इस पैकेज का बहुत बड़ा लाभ पश्चिम बंगाल के चाय बगान से जुड़े साथियों को, विशेषतौर पर हमारी बहनों को मिलेगा।
  • केंद्र सरकार इस साल भी हजारों करोड़ रुपये पश्चिम बंगाल में नेशनल हाईवे बनाने में लगाने वाली है। पश्चिम बंगाल को पंजाब से जोड़ने वाला पूर्वी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर बहुत जल्दी बनकर तैयार होने वाला है।
  • इसके अलावा खड़गपुर से विजयवाड़ा के लिए नए फ्रेट कॉरिडोर की भी घोषणा की गई है। पश्चिम बंगाल में रेलवे पर भी पिछले साल की तुलना में 25% से ज्यादा खर्च किया जाएगा।
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  • बंगाल पहले से जितना आगे था, अगर बीते दशकों में उसकी वो गति और बढ़ी होती, तो आज बंगाल कहां से कहां पहुंच गया होता।
  • आज यहां जितने भी उद्योग हैं, जितना भी कारोबार है, जितना भी इंफ्रास्ट्रक्चर है, वो बदलाव चाहते हैं, आधुनिकता चाहते हैं। लेकिन आप सोचिए, बीते 10 सालों में यहां की सरकार ने कितनी फैक्ट्रियों का शिलान्यास या उद्घाटन किया?
  • उस बड़े स्टील प्लांट का क्या हुआ जो यहां की अराजक व्यवस्थाओं के कारण शुरु ही नहीं हो सका?
  • पश्चिम बंगाल की इस स्थिति का सबसे बड़ा कारण है यहां की राजनीति। आजादी के बाद जब पश्चिम बंगाल के विकास को नई दिशा देने की जरूरत थी तब यहां विकास वाली राजनीति नहीं हो पाई।

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Content Writer

Seema Sharma

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