रामविलास पासवान को PM मोदी की श्रद्धांजलि, बोले-दुख जाहिर करने के लिए शब्द नहीं...दोस्त खो दिया

punjabkesari.in Friday, Oct 09, 2020 - 12:42 PM (IST)

नेशनल डेस्कः देश के प्रमुख दलित नेताओं में से एक केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान का गुरुवार को निधन हो गया। वह 74 वर्ष के थे। दिवंगत केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के पार्थिव शरीर को शुक्रवार अंतिम दर्शनों के लिए दिल्ली उनके घर जनपथ लाया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि देने उनके घर पहुंचे।

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इस दौरान पीएम मोदी ने रामविलास पासवान के बेटे चिराग को भी सांत्वना दी। चिराग पासवान की इस दौरान आंखें नम थी। वहीं पीएम मोदी के अलावा भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी केंद्रीय मंत्री के घर पहुंचकर उनको श्रद्धांजलि दी। इससे पहले जब गुरुवार को रामविलास पासवान के निधन की खबर आई तो पीएम मोदी ने ट्वीट किया कि दुख जाहिर करने के लिए शब्द नहीं हैं, मैंने एक दोस्त और मूल्यवान सहयोगी को खो दिया है।

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बता दें कि दोपहर बाद केंद्रीय मंत्री का पार्थिव शरीर 2 बजे पटना लाया जाएगा। उनके पार्थिव शरीर को एयरपोर्ट से लोक जनशक्ति पार्टी के प्रदेश कार्यालय में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। इसके बाद दिवंगत नेता के पार्थिव शरीर को पटना लोजपा कार्यालय से विधानसभा ले जाया जाएगा। शनिवार यानी 10 अक्तूबर को रामविलास पासवान का अंतिम संस्कार पटना में ही होगा।

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वहीं दिवंगत केंद्रीय मंत्री के सम्मान में शुक्रवार को राजकीय शोक की घोषणा की गई है और इस दौरान तिरंगा आधा झुका रहेगा। उनके पुत्र और लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने पिता के निधन की सूचना साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘‘पापा....अब आप इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन मुझे पता है आप जहां भी हैं हमेशा मेरे साथ हैं। Miss You Papa।'' लोजपा के संस्थापक और उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री पासवान कई सप्ताह से यहां के एक अस्पताल में भर्ती थे।

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हाल ही में उनके हार्ट की सर्जरी हुई थी। फार्टिस एस्कॉर्ट हार्ट इंस्टीट्यूट द्वारा जारी बयान के अनुसार, पिछले 24 घंटों में पासवान के स्वास्थ्य में गिरावट आई और गुरुवार को शाम 6 बजकर पांच मिनट (06:05 शाम) पर उन्होंने अंतिम सांस ली। समाजवादी आंदोलन के स्तंभों में से एक पासवान बाद के दिनों में बिहार के प्रमुख दलित नेता के रूप में उभरे और जल्दी ही राष्ट्रीय राजनीति में अपनी विशेष जगह बना ली। 1990 के दशक में अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण से जुड़े मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू करवाने में पासवान की भूमिका महत्वपूर्ण रही। 

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Seema Sharma

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