मानसिक स्वास्थ्य को मुख्यधारा में लाना PM मोदी की पहल

punjabkesari.in Saturday, Oct 26, 2024 - 03:40 PM (IST)

नेशनल डेस्क. भारत में मानसिक स्वास्थ्य को हमेशा नजरअंदाज किया गया है, लेकिन अब एक महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल रहा है, जो बातें पहले शर्म और कलंक के साथ छिपाई जाती थीं, वे अब देश की विकास के लिए जरूरी मानी जा रही हैं। इस बदलाव की अगुवाई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं।

नए दृष्टिकोण की आवश्यकता

आम तौर पर यह माना जाता है कि जागरूकता फैलाने का काम केवल प्रगतिशील विचारधारा वाले लोग करते हैं, लेकिन पीएम मोदी इस मानसिक स्वास्थ्य आंदोलन में सबसे आगे हैं। उन्होंने इसे मुख्यधारा की चर्चा में लाकर भारत को उन देशों में शामिल किया है, जहां मानसिक स्वास्थ्य पर खुलकर बात हो रही है। यह एक बड़ा कदम है, खासकर एक ऐसे समाज में जहां मानसिक स्वास्थ्य को शर्म के साथ देखा जाता है।

सामाजिक दबाव और चुनौतियाँ

समाज में छात्रों और पेशेवरों पर काम के तनाव और सामाजिक दबाव का असर साफ दिख रहा है। हाल ही में कई युवा छात्रों की आत्महत्या की घटनाओं ने इस समस्या को और गंभीर बना दिया है। पीएम मोदी ने इस मुद्दे का सामना करते हुए नीति और कार्यों के माध्यम से इसे सुलझाने का प्रयास किया है, ताकि मानसिक स्वास्थ्य सेवाएँ सभी भारतीयों के लिए सुलभ और सस्ती हो सकें।

मन की बात और छात्रों के साथ संवाद

पीएम मोदी ने अपने 'मन की बात' रेडियो शो में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर बात की। कोरोना महामारी के दौरान उन्होंने लोगों के सामने यह मुद्दा रखा कि मानसिक स्वास्थ्य उतना ही महत्वपूर्ण है, जितना शारीरिक स्वास्थ्य। उन्होंने कहा कि मदद मांगना कमजोरी नहीं है। इसी तरह 'परीक्षा पे चर्चा' कार्यक्रम में भी उन्होंने परीक्षा के तनाव और समग्र कल्याण पर बात की, जिससे लोगों को इस विषय पर खुलकर चर्चा करने में मदद मिली।

एक उदाहरण के तौर पर खुद को पेश करना

पीएम मोदी ने खुद को एक उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया है। वे अक्सर ध्यान और योग का महत्व बताते हैं और संकट के समय में खुद को स्थिर रखने के लिए इनका सहारा लेते हैं, जब भारत के स्पेस मिशन चंद्रयान में कोई बाधा आई या खेल टीमों को हार का सामना करना पड़ा, तो उन्होंने लोगों का हौंसला बढ़ाया।

सरकार के प्रयास और पहल

मोदी सरकार ने मानसिक स्वास्थ्य देखभाल में भी सुधार किया है। अब तक 1.74 लाख प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 53 टेली-मानस सेल्स स्थापित किए गए हैं, जिससे मानसिक स्वास्थ्य सेवाएँ गांवों तक पहुंचाई जा रही हैं। आयुष्मान भारत योजना के तहत मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित 22 प्रक्रियाएँ शामिल की गई हैं, जिससे करोड़ों भारतीयों को लाभ हो रहा है।

शिक्षा में मानसिक स्वास्थ्य का समावेश

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत मोदी सरकार ने स्कूलों में मानसिक स्वास्थ्य समर्थन की व्यवस्था की है। मनोदर्पण पहल ने महामारी के दौरान छात्रों के लिए एक जीवनरेखा का काम किया है, जिसमें हेल्पलाइन, वेबिनार और जागरूकता अभियान शामिल हैं।

वैश्विक परिप्रेक्ष्य में भारत का स्थान

भले ही भारत एक विकासशील देश है, लेकिन पिछले दशक में मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में इसके प्रयास कुछ सबसे विकसित अर्थव्यवस्थाओं से कहीं अधिक महत्वाकांक्षी रहे हैं। अमेरिका और ब्रिटेन में मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता के लिए प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन वहां की ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंच अभी भी चुनौतीपूर्ण है।


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Content Editor

Parminder Kaur

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