NCC के कार्यक्रम में बोले PM मोदी- पाकिस्तान को धूल चटाने में 10 दिन भी नहीं लगेंगे
punjabkesari.in Tuesday, Jan 28, 2020 - 02:51 PM (IST)
नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आतंकवाद पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि पाकिस्तान को धूल चटाने में भारत को 10 दिन भी नहीं लगेंगे। पीएम मोदी ने कहा कि जिस देश के युवाओं में अनुशासन हो, दृढ़ इच्छाशक्ति हो, निष्ठा हो, लगन हो, उस देश का तेज गति से विकास कोई नहीं रोक सकता। नई दिल्ली में एनसीसी कैटेड्स को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज विश्व में हमारे देश की पहचान, युवा देश के रूप में है और देश के 65 प्रतिशत से ज्यादा लोग 35 वर्ष से कम उम्र के हैं।
देश युवा है, इसका हमें गर्व है लेकिन देश की सोच युवा हो, यह हमारा दायित्व होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज का युवा देश बदलना चाहता है, स्थितियां बदलना चाहता है। और इसलिए उसने तय किया है कि अब टाला नहीं जाएगा, अब टकराया जाएगा, निपटा जाएगा। इस कार्यक्रम में उनके साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे।
PM मोदी के संबोधन के प्रमुख अंश
- हम जानते हैं कि हमारा पड़ोसी देश हमसे तीन-तीन युद्ध हार चुका है। हमारी सेनाओं को उसे धूल चटाने में हफ्ते-दस दिन से ज्यादा समय नहीं लगता। आज देश युवा सोच, युवा मन के साथ आगे बढ़ रहा है और इसलिए वह सर्जिकल स्ट्राइक करता है, एयर स्ट्राइक करता है और आतंक के सरपरस्तों को उनके घर में जाकर सबक सिखाता है।
- दशकों पुरानी समस्याएं सुलझा रही हमारी सरकार के फैसले पर जो लोग सांप्रदायिकता का रंग चढ़ा रहे हैं, उनका असली चेहरा भी देश देख चुका है और देख रहा है। मैं फिर कहूंगा- देश देख रहा है, समझ रहा है। चुप है, लेकिन सब समझ रहा है।
- यह युवा भारत की सोच है, न्यू इंडिया की सोच है जिसने दिल्ली के 40 लाख लोगों के जीवन से, उनकी सबसे बड़ी चिंता को दूर कर दिया है। हमारी सरकार के फैसले का लाभ हिंदुओं, मुस्लिमों, सिखों, ईसाइयों सभी को होगा़। ऐसे लोगों के साथ हुए ऐतिहासिक अन्याय को रोकने के लिए भारत के पुराने वादे को पूरा करने के लिए आज जब हमारी सरकार CAA लेकर आई है।
- कुछ राजनीतिक दल अपने वोटबैंक पर कब्जा करने की स्पर्धा में लगे हैं, आखिर किसके हितों के लिए काम कर रहें ये लोग। स्वतंत्रता के बाद से स्वतंत्र भारत ने पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान के हिंदुओं, सिखों और अन्य अल्पसंख्यकों से ये वादा किया था कि अगर उनको जरूरत होगी तो वो भारत आ सकते हैं। यही इच्छा गांधी जी की थी और यही 1950 में नेहरू-लियाकत समझौते की भी थी।
- हमारा कर्तव्य है कि हम अपने जीते-जी इन समस्याओं से देश को मुक्त करें। मैं आने वाली पीढ़ियों के लिए, देश के युवाओं के भले के लिए सारे राजनीतिक प्रपंचों का हिम्मत से सामना कर रहा हूं, ताकि देश कामयाब हो सके।
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