एक्सपोर्ट को मिलेगा बूस्ट: PM मोदी ने निर्यातकों के लिए ₹45,000 करोड़ की दो नई योजनाओं को दी मंजूरी
punjabkesari.in Thursday, Nov 13, 2025 - 12:48 PM (IST)
नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि केंद्र सरकार के हालिया कैबिनेट फैसलों से भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धा मजबूत होगी और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को बल मिलेगा। बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में निर्यात को बढ़ावा देने के लिए दो अहम योजनाओं को मंजूरी दी गई।

पीएम बोले 'मेड इन इंडिया' की गूंज दुनिया में और तेज होगी
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा कि सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि 'मेड इन इंडिया' की गूंज पूरी दुनिया में और तेजी से सुनाई दे। कैबिनेट ने 'निर्यात प्रोत्साहन मिशन' को मंजूरी दी है, जिसके फायदे बताते हुए पीएम मोदी ने कहा- यह मिशन भारत के निर्यात को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाएगा। यह MSME (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) और श्रम-प्रधान क्षेत्रों को मजबूती देगा। यह सभी संबंधित पक्षों को एक मंच पर लाकर परिणाम-आधारित प्रभावी तंत्र तैयार करेगा। इसके अलावा 'निर्यातकों के लिए ऋण गारंटी योजना (CGSE)' को मंजूरी दी गई है, जिससे व्यवसायों को सुचारू रूप से चलाने और विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में मदद मिलेगी।

ग्रीन एनर्जी पर फोकस
मंत्रिमंडल ने ग्रेफाइट, सीजियम, रुबिडियम और जिरकोनियम जैसे खनिजों की रॉयल्टी दरों को भी तर्कसंगत बनाने का फैसला किया है। ये खनिज हरित ऊर्जा (Green Energy) के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि यह निर्णय स्थिरता और आत्मनिर्भरता को बढ़ाएगा, आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करेगा और रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा। सरकार का लक्ष्य है कि भारत न केवल निर्यात बढ़ाए, बल्कि वैश्विक बाजार में 'मेड इन इंडिया' की पहचान को भी सशक्त बनाए।
₹45,000 करोड़ की ऐतिहासिक योजनाएं: अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने निर्यातकों के लिए ₹45,000 करोड़ की दो नई योजनाओं को मंजूरी देने के लिए केंद्र सरकार की सराहना की। उन्होंने इसे 'ऐतिहासिक कदम' बताया। ₹25,060 करोड़ के इस मिशन से भारतीय उत्पाद वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनेंगे और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। ₹20,000 करोड़ की इस योजना के तहत निर्यातकों को बिना गारंटी के ऋण की सुविधा मिलेगी। अमित शाह ने कहा कि यह कदम MSME क्षेत्र को सशक्त करेगा और भारत को 1 ट्रिलियन डॉलर के निर्यात लक्ष्य की ओर ले जाएगा। यह फैसला अमेरिका में बढ़े शुल्कों से प्रभावित भारतीय निर्यातकों को राहत देने में भी मददगार होगा।
