PM मोदी ने हर घर तिरंगा अभियान में शामिल होने के लिए देशवासियों से की अपील, X पर बदली प्रोफाइल फोटो

punjabkesari.in Friday, Aug 09, 2024 - 06:54 PM (IST)

नेशनल डेस्क : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हर घर तिरंगा अभियान को प्रोत्साहित करने के लिए अपनी सोशल मीडिया प्रोफाइल फोटो में बदलाव किया है। उन्होंने अपनी प्रोफाइल पिक्चर में भारतीय तिरंगे का चित्र लगाया और देशवासियों से भी अपील की है कि वे अपनी प्रोफाइल फोटो में तिरंगे का प्रतीक शामिल करें ताकि तिरंगे के प्रति सम्मान और गर्व प्रकट किया जा सके। प्रधानमंत्री ने ट्वीट करते हुए लिखा, "स्वतंत्रता दिवस के नजदीक आते ही, चलिए हम सब मिलकर हर घर तिरंगा अभियान को एक ऐतिहासिक जन आंदोलन में बदलें। मैं अपनी प्रोफाइल तस्वीर बदल रहा हूं और आप सभी से अनुरोध करता हूं कि आप भी मेरे साथ आकर हमारे तिरंगे का उत्सव मनाएं। अपनी तिरंगा सेल्फी को https://harghartiranga.com पर साझा करना न भूलें।"

आपको बता दें कि इस पहल के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी ने तिरंगे के महत्व को उजागर करते हुए हर नागरिक को इस अभियान में भाग लेने के लिए प्रेरित किया है। उन्होंने सोशल मीडिया का उपयोग करके व्यापक जनसमर्थन जुटाने की कोशिश की है, ताकि हर घर तिरंगा फहराकर देश की स्वतंत्रता की भावना को बढ़ावा दिया जा सके। 

हर घर तिरंगा अभियान क्या है?  
हर घर तिरंगा अभियान एक राष्ट्रीय पहल है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2022 में भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्षों के उपलक्ष्य में शुरू किया था। इस अभियान का उद्देश्य भारतीय तिरंगे को हर नागरिक के घर तक पहुंचाना और देश में एकता और राष्ट्रीय गर्व को प्रोत्साहित करना है। आइए जानते है इस अभियान के प्रमुख उद्देश्य...

अभियान के प्रमुख उद्देश्य और पहलू:

  1. तिरंगे का सम्मान बढ़ाना:

    • अभियान का मुख्य उद्देश्य यह है कि तिरंगे को हर घर की छत पर फहराया जाए, जिससे लोगों में तिरंगे के प्रति गर्व और सम्मान की भावना उत्पन्न हो।

  2. जन सहभागिता:

    • प्रधानमंत्री ने देशवासियों से आग्रह किया है कि वे अपने घरों पर तिरंगा लगाकर इस अभियान में भाग लें और अपने राष्ट्रीय गर्व को प्रदर्शित करें।

  3. सभी के लिए पहुंच:

    • अभियान के अंतर्गत, तिरंगे को आम लोगों के लिए उपलब्ध कराया गया और इसके फहराने के नियमों में भी बदलाव किया गया, ताकि तिरंगा रात के समय भी फहराया जा सके।

  4. नियमों में बदलाव:

    • पहले तिरंगा केवल दिन के समय फहराने की अनुमति थी, लेकिन इस अभियान के तहत नियमों में संशोधन करके अब रात के समय भी तिरंगा फहराने की इजाजत दी गई है।

  5. सामाजिक अभियान:

    • इस अभियान का हिस्सा बनने के लिए देशवासियों को प्रेरित करने के लिए विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रचार-प्रसार किया गया। लोगों को अपनी सेल्फी के साथ तिरंगे की तस्वीरें साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया गया।

  6. सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व:

    • यह अभियान देश की स्वतंत्रता के 75 वर्षों का उत्सव मनाने और भारतीय तिरंगे के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व को पुनः जागरूक करने का एक माध्यम है। हर घर तिरंगा अभियान ने देश के विभिन्न हिस्सों में एकजुटता और राष्ट्रीय गर्व को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, और यह तिरंगे के प्रति लोगों की भावनाओं को प्रकट करने का एक शानदार तरीका है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक अन्य ट्वीट में भारत छोड़ो आंदोलन की ऐतिहासिक महत्वता पर ध्यान केंद्रित किया है, जिसे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक प्रमुख पड़ाव माना जाता है। उन्होंने इस संदर्भ में एक वीडियो भी साझा किया है, जिसमें उन्होंने इस आंदोलन की बारीकियों और उसके प्रभाव के बारे में विस्तार से जानकारी दी है। वीडियो के साथ प्रधानमंत्री ने लिखा, "महात्मा गांधी के नेतृत्व में भारत छोड़ो आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लेने वाले सभी महानुभावों को श्रद्धांजलि। यह आंदोलन हमारे स्वतंत्रता संग्राम का एक निर्णायक क्षण था, जिसने हमें स्वतंत्रता के करीब पहुंचाया।"

 

क्या है भारत छोड़ो आंदोलन ?
भारत छोड़ो आंदोलन (Quit India Movement) भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण चरण था, जिसे महात्मा गांधी के नेतृत्व में 8 अगस्त 1942 को शुरू किया गया। यह आंदोलन ब्रिटिश शासन के खिलाफ एक व्यापक जन आंदोलन था, जिसका उद्देश्य भारत से ब्रिटिश शासन को समाप्त करना और देश की स्वतंत्रता प्राप्त करना था।

भारत छोड़ो आंदोलन के प्रमुख बिंदु:

  1. आह्वान और उद्देश्य:

    • 8 अगस्त 1942 को, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के मुंबई सत्र में महात्मा गांधी ने "भारत छोड़ो" का नारा दिया। उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ एक सर्वव्यापी संघर्ष का आह्वान किया और भारतीय जनता से ब्रिटिश शासन के खिलाफ एकजुट होने की अपील की।

  2. ब्रिटिश शासन के खिलाफ संघर्ष:

    • गांधीजी ने ब्रिटिश सरकार से तत्काल भारत को स्वतंत्र करने की मांग की और इसके लिए एक व्यापक जन आंदोलन शुरू किया। उनका मानना था कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश सरकार को भारत छोड़ने के लिए मजबूर किया जा सकता है।

  3. आंदोलन की प्रमुख बातें:

    • आंदोलन का नारा था "सत्याग्रह और अहिंसा", लेकिन इसके बावजूद आंदोलन को कुचलने के लिए ब्रिटिश सरकार ने हिंसात्मक दमन किया। कई प्रमुख नेताओं को गिरफ्तार किया गया, और आंदोलन को दबाने के लिए सख्त पुलिस बल और सैन्य बल का प्रयोग किया गया।

  4. जन आंदोलन और प्रतिक्रिया:

    • इस आंदोलन ने भारत भर में व्यापक जन समर्थन प्राप्त किया। लोगों ने व्यापक हड़तालें, विरोध प्रदर्शन, और अन्य प्रकार के विरोध कार्रवाइयां कीं। कई स्वतंत्रता सेनानियों ने आंदोलन में भाग लिया और अपनी जान की बलि दी।

  5. कुचलने की कोशिश:

    • ब्रिटिश सरकार ने आंदोलन को दबाने के लिए कई कठोर उपाय किए, जिसमें प्रमुख नेताओं की गिरफ्तारी, धरपकड़ और दमनात्मक कार्रवाइयाँ शामिल थीं। इस दौरान कई हिंसक घटनाएँ भी घटीं।

  6. आंदोलन का प्रभाव:

    • यद्यपि आंदोलन को कठोरता से दबाया गया, लेकिन यह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ। इस आंदोलन ने भारतीय जनता के मन में स्वतंत्रता की भावना को और भी प्रबल किया और ब्रिटिश शासन को भारत के राजनीतिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण परिवर्तन लाने के लिए मजबूर किया।

  7. स्वतंत्रता की दिशा में कदम:

    • भारत छोड़ो आंदोलन के बाद, ब्रिटिश सरकार ने भारतीय स्वतंत्रता की दिशा में गंभीरता से विचार करना शुरू किया। इस आंदोलन के प्रभाव के कारण, 1947 में भारत को स्वतंत्रता प्राप्त हुई। भारत छोड़ो आंदोलन स्वतंत्रता संग्राम की एक प्रमुख कड़ी थी, जिसने भारतीय जनता को एकजुट करने और स्वतंत्रता प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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Content Editor

Utsav Singh

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