दिल्ली में हर चेहरे की एक कहानी, जब जब मुख्यमंत्री बदले, देखें CM की पूरी लिस्ट
punjabkesari.in Tuesday, Jan 07, 2025 - 07:55 PM (IST)
नेशनल डेस्क: दिल्ली, जो हमेशा से भारतीय राजनीति में अहम स्थान रखता है, ने अपने विभिन्न मुख्यमंत्री पदों के बीच कई दिलचस्प घटनाक्रम देखे हैं। 1952 से लेकर अब तक दिल्ली की राजनीति में कई बदलाव हुए हैं, जिनका प्रभाव आज भी देखा जा सकता है। इस लेख में हम दिल्ली के मुख्यमंत्रियों के बारे में विस्तार से जानेंगे, जिनकी कड़ी मेहनत, संघर्ष और राजनीति ने दिल्ली को एक नई दिशा दी।
1. आतिशी: नई लहर की शुरुआत (सितंबर 2024)
आतिशी, जिन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से शिक्षा प्राप्त की है, ने दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में सितंबर 2024 में कार्यभार संभाला। यह पद उन्होंने अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद ग्रहण किया। उनकी नियुक्ति ने दिल्ली की राजनीति में एक नई उम्मीद और बदलाव की लहर शुरू की। आम आदमी पार्टी की इस नेता ने शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के लिए कई अहम फैसले लिए हैं, जिनका असर अब दिखने लगा है।
2. अरविंद केजरीवाल: भ्रष्टाचार और शिक्षा सुधार के सूत्रधार
दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में अरविंद केजरीवाल का कार्यकाल भी महत्वपूर्ण रहा। 28 दिसंबर 2013 को उन्होंने पहली बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, लेकिन 2014 में कुछ समय के लिए इस्तीफा देने के बाद 14 फरवरी 2015 को फिर से पद पर लौटे। उनके कार्यकाल में भ्रष्टाचार, शिक्षा, और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया गया। केजरीवाल ने दिल्ली में फ्री पानी, बिजली और स्वास्थ्य सेवाओं जैसी योजनाओं के जरिए आम आदमी की जिंदगी में सुधार लाने की कोशिश की। हालांकि, सितंबर 2024 में उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
3. शीला दीक्षित: दिल्ली की सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाली नेता
शीला दीक्षित दिल्ली की राजनीति में एक बहुत बड़ा नाम हैं। वह साल 1998 से लेकर 2013 तक लगातार तीन कार्यकालों तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं। उनका कार्यकाल दिल्ली के विकास के लिए याद किया जाता है। उन्होंने दिल्ली को एक आधुनिक शहर बनाने के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की। उनकी दूरदर्शिता और कार्यशैली ने दिल्ली को न केवल एक बड़ा शहर बनाया, बल्कि वहां की बुनियादी सुविधाओं में भी सुधार किया। उनका निधन 2020 में हुआ, लेकिन उनका योगदान हमेशा याद रहेगा।
4. सुषमा स्वराज: दिल्ली की भाजपा सरकार की पहली महिला मुख्यमंत्री
दिल्ली की राजनीति में एक और अहम नाम सुषमा स्वराज का है। वह 12 अक्टूबर से 3 दिसंबर 1998 तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं। उनके कार्यकाल में कुछ महीनों के लिए दिल्ली में भाजपा की सरकार बनी थी, हालांकि यह कार्यकाल बहुत लंबा नहीं था। इसके बाद सुषमा स्वराज ने केंद्रीय राजनीति में कदम रखा और देश की विदेश मंत्री के तौर पर भी अपनी सेवाएं दीं। उनका निधन 2019 में हुआ, लेकिन उनका योगदान भारतीय राजनीति में अमिट रहेगा।
5. साहिब सिंह वर्मा: भाजपा के लिए नई राह
साहिब सिंह वर्मा ने भाजपा के लिए दिल्ली में नई राह खोली। 26 फरवरी 1996 से 12 अक्टूबर 1998 तक वह दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे। उनके कार्यकाल में दिल्ली में भाजपा की सरकार बनी और कई महत्वपूर्ण योजनाओं की शुरुआत की गई। उन्होंने दिल्ली के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया और पार्टी को मजबूती दी।
6. मदन लाल खुराना: दिल्ली में भाजपा की एंट्री
मदन लाल खुराना का कार्यकाल 2 दिसंबर 1993 से लेकर 26 फरवरी 1996 तक रहा। उनका कार्यकाल भाजपा के लिए महत्वपूर्ण था क्योंकि इसके साथ ही भाजपा का दिल्ली की सत्ता में पदार्पण हुआ था। खुराना के नेतृत्व में दिल्ली में भाजपा की राजनीति की नींव रखी गई।
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7. गुरमुख निहाल सिंह: शुरुआती दिनों का योगदान
गुरमुख निहाल सिंह दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे 12 फरवरी 1955 से लेकर 1 नवंबर 1956 तक। उनका कार्यकाल दिल्ली के शुरुआती दिनों में बहुत अहम था। हालांकि उनका कार्यकाल बहुत छोटा था, लेकिन उन्होंने दिल्ली की राजनीति में अपनी छाप छोड़ी।
8. चौधरी ब्रह्म प्रकाश: दिल्ली के पहले मुख्यमंत्री
चौधरी ब्रह्म प्रकाश दिल्ली के पहले मुख्यमंत्री थे। उन्होंने 17 मार्च 1952 से 12 फरवरी 1955 तक दिल्ली का नेतृत्व किया। उनका कार्यकाल दिल्ली के पहले मुख्यमंत्री के रूप में याद किया जाता है।
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दिल्ली विधानसभा चुनाव का इतिहास: 37 साल का अंतराल
दिल्ली में विधानसभा चुनाव का इतिहास भी दिलचस्प रहा है। साल 1956 में दिल्ली को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया था और इसके बाद 37 साल तक यहां विधानसभा चुनाव नहीं हुए। साल 1952 में दिल्ली में पहले चुनाव हुए थे, जिनमें कांग्रेस ने बहुमत हासिल किया था। हालांकि, साल 1956 के बाद दिल्ली के प्रशासन की जिम्मेदारी मेट्रोपॉलिटन काउंसिल को सौंप दी गई थी।