सावधान! रिसर्च में हुआ बड़ा खुलासा, आपके खाने में मौजूद प्लास्टिक कण धीरे-धीरे बना रहे हैं आपको बीमार
punjabkesari.in Friday, Jun 06, 2025 - 05:18 PM (IST)

नेशनल डेस्क: एक ताज़ा रिसर्च में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि खाने-पीने की चीजों में मौजूद माइक्रोप्लास्टिक और नैनोप्लास्टिक कण हमारे शरीर को धीरे-धीरे नुकसान पहुंचा रहे हैं। खासकर लिवर यानी यकृत पर इनका असर खतरनाक हो सकता है। यह रिसर्च अमेरिका की कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी, डेविस में की गई है। आप रोज़ जो खाना खाते हैं, वह पूरी तरह से सुरक्षित नहीं हो सकता। रिसर्च के मुताबिक, हर साल एक व्यक्ति औसतन 40,000 से लेकर 10 लाख तक माइक्रोप्लास्टिक कण निगल सकता है। ये कण समुद्री भोजन, पैकेज्ड फूड और प्लास्टिक कंटेनर में रखे खाने के जरिए आपके शरीर में प्रवेश करते हैं।
क्या हैं माइक्रोप्लास्टिक और नैनोप्लास्टिक?
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माइक्रोप्लास्टिक: 5 मिलीमीटर से छोटे प्लास्टिक कण
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नैनोप्लास्टिक: 100 नैनोमीटर से भी छोटे कण
ये कण इतने छोटे होते हैं कि इन्हें नज़र से देख पाना मुश्किल होता है, लेकिन ये शरीर में जाकर बड़ा नुकसान कर सकते हैं।
रिसर्च में क्या हुआ?
रिसर्च में 12 हफ्तों तक कुछ चूहों को रोज़ पॉलीस्टाइरीन नामक नैनोप्लास्टिक की खुराक दी गई। पॉलीस्टाइरीन वही प्लास्टिक है जो खाने के पैकेट्स और डिस्पोज़ेबल बर्तनों में होता है।
रिसर्च के नतीजे डरावने थे:
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इन चूहों के शरीर में ग्लूकोज मेटाबॉलिज़्म में गड़बड़ी हुई।
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लिवर एंजाइम ALT (Alanine Aminotransferase) का स्तर बढ़ गया – यह लिवर डैमेज का संकेत है।
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आंत में लीकेज पाया गया जिससे शरीर में हानिकारक टॉक्सिन्स पहुंच गए।
इंसानों पर क्या असर हो सकता है?
रिसर्च की प्रमुख एमी पार्कहर्स्ट कहती हैं कि अगर ये कण इंसानों के शरीर में लगातार प्रवेश करते रहे, तो यह गंभीर बीमारियों की वजह बन सकते हैं। जैसे:
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लिवर डैमेज
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इंसुलिन और ब्लड शुगर की गड़बड़ी
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इम्यून सिस्टम पर असर
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हार्मोनल असंतुलन
किन चीजों से हो सकता है सबसे ज़्यादा खतरा?
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पैकेज्ड और प्रोसेस्ड फूड
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समुद्री भोजन (फिश, शेलफिश)
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प्लास्टिक बोतलों का पानी
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माइक्रोवेव में गर्म किया गया प्लास्टिक कंटेनर वाला खाना
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खाने को स्टोर करने वाले प्लास्टिक रैप्स
कैसे बचें माइक्रोप्लास्टिक के जहर से?
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ग्लास या स्टील के कंटेनर में खाना स्टोर करें
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प्लास्टिक बोतल की जगह स्टील/कॉपर बॉटल इस्तेमाल करें
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ताज़ा खाना खाएं, पैकेज्ड फूड से दूरी बनाएं
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मछलियों का सीमित सेवन करें, खासकर समुद्री
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प्लास्टिक रैप से बचें, खासकर गर्म चीज़ों के लिए
यह स्टडी सिर्फ एक चेतावनी नहीं, बल्कि हमारे जीवनशैली में बदलाव की ज़रूरत को दिखाती है। प्लास्टिक से बने सामानों का सीमित इस्तेमाल और खाने में सावधानी ही हमें इन अदृश्य खतरों से बचा सकती है। आने वाले समय में अगर हम प्लास्टिक के दुष्प्रभावों पर ध्यान नहीं देंगे, तो इसका असर सिर्फ पर्यावरण पर नहीं, हमारे शरीर के अंदर तक पहुंचेगा।