''देश के हितों को ध्यान में रखकर करते हैं ट्रेड डील'', ट्रंप के बयान पर पीयूष गोयल की दो टूक, ''किसी दबाव के आगे हम झुकने वाले नहीं''
punjabkesari.in Friday, Jul 04, 2025 - 07:42 PM (IST)

National Desk : अमेरिका के साथ संभावित ट्रेड डील को लेकर भारत में बातचीत की प्रक्रिया में तेजी आई है। भारत की ओर से इस महत्वपूर्ण वार्ता का नेतृत्व कर रहे चीफ नेगोशिएटर राजेश अग्रवाल शुक्रवार को वॉशिंगटन से दिल्ली लौट आए हैं। उनकी वापसी के बाद दोनों देशों के बीच समझौते को अंतिम रूप देने की तैयारियां जोरों पर हैं, और अनुमान है कि यह डील 9 जुलाई से पहले फाइनल हो सकती है। इस बीच, केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने इस डील को लेकर महत्वपूर्ण बयान जारी किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत किसी भी ट्रेड डील को अपनी शर्तों के बिना स्वीकार नहीं करता है। उनका कहना है कि भारत विभिन्न देशों के साथ लगातार फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर बातचीत कर रहा है, जिनमें यूरोपियन यूनियन, न्यूजीलैंड, ओमान, अमेरिका, चिली और पेरू शामिल हैं।
पीयूष गोयल ने यह भी बताया कि फ्री ट्रेड एग्रीमेंट तभी सफल होता है जब यह दोनों पक्षों के लिए लाभकारी हो और साथ ही भारत के राष्ट्रीय हितों की पूर्ण सुरक्षा करता हो। इसलिए भारत अपने हितों को सर्वोपरि रखते हुए ही ऐसे समझौतों पर हस्ताक्षर करता है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि भारत विकसित देशों के साथ व्यापारिक समझौतों के लिए हमेशा तैयार है, बशर्ते वे सौदे देश के हित में हों।
देश के हितों को सुरक्षित रख करते हैं डील
इसके अलावा, मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत किसी भी ट्रेड डील को केवल समय सीमा की वजह से स्वीकार नहीं करता। जब तक डील पूरी तरह से परिपक्व नहीं हो जाती और देश के हितों को सुरक्षित नहीं रखती, तब तक उसे मंजूरी नहीं दी जाती। यह नीति सुनिश्चित करती है कि भारत के आर्थिक और व्यापारिक फैसले पूरी तरह सोच-समझकर और लाभकारी हों।
यह ट्रेड डील भारत-अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने के साथ-साथ दोनों देशों की आर्थिक साझेदारी को और मजबूत करेगी। इससे निर्यात और निवेश के नए अवसर पैदा होंगे, साथ ही भारतीय उद्योगों को वैश्विक बाजार में बेहतर प्रतिस्पर्धा का मौका मिलेगा। हालांकि, दोनों पक्षों के बीच कुछ संवेदनशील मुद्दों जैसे बौद्धिक संपदा अधिकार, कृषि व्यापार, डिजिटल व्यापार नियमों पर भी चर्चा जारी है, जिन पर सहमति बनाना महत्वपूर्ण होगा। कुल मिलाकर, यह ट्रेड डील भारत के आर्थिक विकास और वैश्विक व्यापार में उसकी भागीदारी को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में मदद करेगी।