HC ने मोदी सरकार से सवाल- बिंदी, सिदूंर टैक्स फ्री तो सैनेटरी नैपकिन पर GST क्यों लगाया

punjabkesari.in Wednesday, Nov 15, 2017 - 05:21 PM (IST)

नई दिल्लीः जीएसटी दरों को लेकर चौतरफा विरोध झेल रही मोदी सरकार को फिलहाल राहत मिलती नहीं दिख रही है। पिछले तीन महीने के अंदर लगातार दूसरी बार के बदलाव को भी विपक्षी दल कम बता रहा है। इसी बीच अब टैक्स रेटों कटौती का मुद्दा कोर्ट भी पहुंच गया है। दरअसल, दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। ये याचिका सेनेटरी नैपकिन पर 12 फीसदी का जीएसटी लगाने के खिलाफ लगाई गई है। कोर्ट ने इस पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार से जवाब मांगा है।

हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से सवाल किया है कि जब काजल, बिदीं और सिंदूर को टैक्स फ्री किया जा सकता है तो फिर सेनेटरी नैपकिन पर 12 फीसदी का जीएसटी क्यों लगाया गया है? साथ ही कोर्ट ने ये भी पूछा है कि इसे लेकर सरकार टैक्स कम करने की स्थिति में है या नहीं? हाई कोर्ट के नोटिस पर केंद्र सरकार ने अपना हलफनामा पेश किया है। इसमें सरकार ने कोर्ट को कहा है कि सेनेटरी नैपकिन के लिए रॉ मैटेरियल आयात किया जाता है। साथ ही कुछ और व्यवहारिक दिक्कतें हैं जिसके चलते इससे फिलहाल सरकार के लिए 12 फीसदी जीएटी हटाना संभव नहीं है।

इस पर याचिकाकर्ता ने केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि जीएसटी का प्रतिशत तय करने वाली कमेटी में किसी भी महिला को शामिल नहीं किया गया है। इसके अलावा हाल फिलहाल में सरकार ने करीब 200 और प्रोडक्ट्स पर भी जीएसटी की दर कम की हैं, जिसमें चॉकलेट तक शामिल है।

उन्होंने कहा कि अगर चॉकलेट पर जीएसटी कम किया जा सकता है तो फिर सैनेटरी नैपकिन पर क्यों नहीं? उन्होंने ये भी कहा कि  देश में महिलाओं का एक बड़ा तबका सैनेटरी नैपकिन का इस्तेमाल नहीं कर पाएगा क्योंकि जीएसटी लगने से ये और महंगी हो गई है। हाई कोर्ट अब मामले की सुनवाई 14 दिसंबर को करेगा।


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