नई मुसीबत: कोरोना से ठीक हो चुके लोग हो रहे मनोरोग का शिकार, कई अस्पताल में भर्ती

punjabkesari.in Sunday, Jun 13, 2021 - 10:51 AM (IST)

नेशनल डेस्क: कोरोना और ब्लैक फंगस का खतरा अभी टला नहीं था कि अब एक नई समस्या डॉक्टरों के सामने आ खड़ी हुई है। दरअसल कोरोना से ठीक हुए मरीज अब मनोरोग के शिकार हो रहे हैं। कई मरीजों की हालत तो इतनी खराब हो गई है कि उनको अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना मरीजों के मस्तिष्क को प्रभावित कर रहा है और इसी कारण वे लोग मनोरोग की चपेट में आ रहे हैं। दिल्ली के मानव व्यवहार व संबद्ध विज्ञान संस्थान (इहबास) के निदेशक डॉक्टर निमीष देसाई के मुताबिक कोरोना मरीजों का मनोरोगी होना एक बड़ी समस्या बन रही है।

 

डॉक्टर निमीष देसाई ने बताया कि उनके यहां रोजाना औसतन 600 से 700 मरीजों को ओपीडी में देखा जा रहा है। इनमें से करीब 50 रोगी ऐसे आ रहे हैं जो कोरोना संक्रमित थे और अब वह मानसिक समस्याओं से पीड़ित हैं। वरिष्ठ मनोरोग चिकित्सक डॉ. राजकुमार श्रीनिवास ने बताया कि  उनके पास करीब 50-60 प्रतिशत ऐसे मामले आ रहे हैं जहां लोग अकेलापन, घबराहट, नींद न आना आदि समस्याओं से जूझ रहे हैं। डॉ. राजकुमार श्रीनिवास ने बताया कि अध्ययन में बात सामने आई है कि कुछ मामलों में कोरोना ने व्यक्ति के दिमाग और नर्वस सिस्टम पर असर डाला है। यह वायरस मस्तिष्क को भी प्रभावित कर रहा है।

 

मरीजों में दिख रहे ये लक्षण
नींद न आना
घबराहट, चिंता, तनाव
ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर (एक ही काम को बार-बार दोहराना) 
पैनिक अटैक, असाद आदि

 

ऐसे पाए इस पर काबू
सर गंगाराम अस्पताल के मनोरोग विशेषज्ञ डॉक्टर राजीव मेहता के मुताबिक मनोरोग का सबसे बड़ा कारण होता है  मस्तिष्क में रसायनों की गड़बड़ी। इनसे बचने के लिए मरीज को जितना हो आराम करना चाहिए, यानि की पूरी नींद लें। योग और प्राणायाम करें और सबसे बड़ी बात सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों से दूर रहें। उन अफवाहों पर बिल्कुल भी ध्यान न दे। पोष्टिक आहार लें और परिवार के साथ समय बिताएं। डॉक्टर राजीव मेहता ने कहा कि अगर आपको कोई समस्या आ रही है तो डाक्टरों और मनोरोग विशेषज्ञों की सलाह जरूर लेनी चाहिए, अपनी परेशानी छुपाए नहीं।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Seema Sharma

Recommended News

Related News