महबूबा के खिलाफ बगावत, विधायक ने लगाए कई आरोप

punjabkesari.in Monday, Jul 02, 2018 - 11:31 AM (IST)

श्रीनगर : पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पी.डी.पी.) की शर्मिंदगी के लिए पूर्व मुख्यमंत्री और पी.डी.पी. अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की नीतियों को मुख्य कारण करार देते हुए वरिष्ठ पी.डी.पी. नेता और विधायक  आबिद हुसैन अंसारी ने पार्टी के नेतृत्व पर पक्षपात का आरोप लगाया।   श्रीनगर के जडीबल इलाके में जनसभा को संबोधित करते हुए आबिद ने दोहराया कि उन्होंने गठबंधन के अंत से पहले महबूबा मुफ्ती द्वारा लिए गए कई फैसलों को चुनौती दी थी। 


आबिद पी.डी.पी.-भाजपा सरकार पर जमकर बरसे और पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा अपनाई गई नीतियों की आलोचना की। वह पी.डी.पी. और भाजपा के शासन के दौरान किए गए काम या अपनाई गई नीतियों से संतुष्ट नहीं है। आबिद जो शिया एसोसिएशन के महासचिव भी है ने महबूबा मुफ्ती पर उनकी जल्दबाजी की नीतियों के लिए दोषी ठहराया और पार्टी के लिए उनके फैसले को विषम करार दिया। वहीं, समारोह से इतर पत्रकारों के साथ बातचीत में आबिद ने कहा कि पी.डी.पी. के उपाध्यक्ष सरताज मदनी नीतियों के बारे में अनजान हैं और पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा लिए गए फैसले भी गलत नीतिय का परिणाम थे।

 

 

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नेताओं ने सीएम को गुमराह किया

उन्होंने पार्टी नेताओं पर गलत सलाहों के साथ पूर्व मुख्यमंत्री को गुमराह करने का आरोप लगाया। पूर्व आर.एण्ड.बी. मंत्री नईम अख्तर और पूर्व मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव पीर मंसूर हुसैन ने उनकी गलत सलाहों से महबूबा मुफ्ती को गुमराह किया जिसके बाद गलत नीतियों और फैसलों को तैयार किया गया। हालांकि, कई नेताओं ने समय पर महबूबा को अवगत कराया लेकिन उन्होंने उनके द्वारा दिए गए विचारों को नजरअंदाज कर दिया। पी.डी.पी. विधायक ने आरोप लगाया कि पिछली सरकार भाईचारे और पक्षपात में फंस गई थी जिससे उनके प्रियजनों को शीर्ष पद उपलब्ध कराए गए। 

कांग्रेस के साथ पीडीपी का भविष्य नहीं
कांग्रेस के साथ सरकार गठन के बारे में पूछे जाने पर आबिद ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के पास सिर्फ 12 सदस्य है। इसके अलावा कांग्रेस का कश्मीर में कोई आधार नहीं है, तो पी.डी.पी. कांग्रेस के साथ हाथ मिलाकर कितनी दूर जा सकती है?

केन्द्र से वार्ता की अपील
आबिद ने केन्द्रीय सरकार द्वारा कश्मीर पर पाकिस्तान के साथ वार्ता प्रक्रिया में शामिल होने पर बल दिया ताकि कश्मीर में नागरिक हत्याओं को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि यह बेहद अन्यायपूर्ण है कि यदि कोई आतंकी रैंकों में शामिल हो जाता है तो पूरे परिवार को सामना करना पड़ता है।


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Monika Jamwal

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