पासवान ने ठाकरे पर साधा निशाना, शिवसेना को बताया दलित विरोधी
punjabkesari.in Sunday, Aug 05, 2018 - 10:36 PM (IST)
नई दिल्लीः लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के अध्यक्ष रामविलास पासवान ने दलित अत्याचार के खिलाफ कानून पर उच्चतम न्यायालय के आदेश को पलटने के वास्ते सरकार के विधेयक की आलोचना करने के लिए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की आज निंदा की।
केन्द्रीय मंत्री पासवान ने कहा कि इससे दलित विरोधी और पिछड़ा विरोधी मानसिकता जाहिर होती है। उन्होंने ठाकरे के बयानों की निंदा की और कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक राज्य का एक नेता, जहां बी आर आंबेडकर का जन्म हुआ है, वह इस तरह का बयान दे रहा है। शिवसेना प्रमुख ने अपनी पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में मोदी सरकार पर हमला बोला था। मोदी सरकार ने दलितों के खिलाफ अत्याचारों पर कानून के मूल प्रावधानों को बरकरार रखने के लिए एक विधेयक को मंजूरी दी है।
पासवान ने ठाकरे के बयानों की प्रतिक्रिया में ‘पीटीआई’ से कहा,‘‘इस तरह के बयान से दलित-विरोधी, आदिवासी विरोधी और पिछड़ा विरोधी मानसिकता प्रतिबिंबित होती है। मुझे शिवसेना के ट्रैक रिकॉर्ड के बारे में ज्यादा कुछ कहने की जरूरत नहीं है।’’ उन्होंने कहा,‘‘आम्बेडकर ने संविधान लिखा लेकिन उनके (ठाकरे) जैसे नेताओं ने इसे नहीं पढ़ा है।’’ उन्होंने कहा कि विधेयक ‘‘ऐतिहासिक’’ है और उन लोगों के चेहरे पर एक ‘‘थप्पड़’’ है जो मोदी सरकार पर ‘‘दलित-विरोधी’’ होने का आरोप लगा रहे थे।
ठाकरे पर हमला बोलते हुए पासवान ने बाद में ट्वीट किया कि उन्होंने शिवसेना के सांसद आनंदराव अडसुल से बात की थी जो अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखते हैं और उन्होंने कहा कि वह उनसे तथा सरकार के फैसले से पूरी तरह सहमत हैं। पासवान ने कहा कि बयान देने से पहले ठाकरे को शिवसेना के दलित सांसदों से सलाह मशविरा करना चाहिए था।
This statement of Sh Uddhav Thackeray shows anti-Dalit and anti-backward mentality. It is a very sorry state of affairs that a leader belonging to the birth place and land of action of Baba Saheb Ambedkar is not having the knowledge of the Constitution.
— Ram Vilas Paswan (@irvpaswan) August 5, 2018