शीतकालीन सत्र: लोकसभा सोमवार तक स्थगित, राज्यसभा में कांग्रेस ने किया हंगामा

punjabkesari.in Friday, Dec 15, 2017 - 12:17 PM (IST)

नई दिल्ली: गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव के बाद आज संसद शीतकालीन सत्र शुरू हुआ। लोकसभा के तीन वर्तमान तथा सात पूर्व सदस्यों को श्रद्धांजलि देने के बाद शीतकालीन सत्र के पहले दिन आज सदन की कार्रवाई दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने तीन मौजूदा और सात पूर्व सदस्यों के निधन की सूचना सदन को दी और उनके योगदान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि देने के बाद कार्रवाई सोमवार सुबह तक स्थगित कर दी। इससे पहले नव निर्वाचित सदस्य सुनील कुमार जाखड़ ने सदन सदस्यता की शपथ ली। जाखड़ पंजाब की गुरुदासपुर सीट से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए हैं। यह सीट विनोद खन्ना के निधन के कारण रिक्त हुई थी।

अध्यक्ष ने सदन को यह भी सूचित किया कि वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी स्नेहलता श्रीवास्तव को लोकसभा का नया महासचिव नियुक्त किया गया है। वह लोकसभा की पहली महिला महासचिव बनी हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में मंत्रिमंडल में शामिल नए सदस्यों का भी परिचय कराया। महाजन ने बताया कि सदन के वर्तमान सदस्य सुल्तान अहमद, चांदनाथ तथा तसलीमुद्दीन का हाल ही में निधन हुआ। तृणमूल कांग्रेस के सुल्तान दो बार लोकसभा के सदस्य रहे जबकि राष्ट्रीय जनता दल के तसलीमुद्दीन चार बार सदन के सदस्य रहे हैं। चांदनाथ सदन में भारतीय जनता पार्टी के सदस्य थे। सदन ने दिवंगत पूर्व सदस्य विक्रम महाजन, रामसिंह, आर कीशिंग, पीसी बर्मन, धनराजसिंह, अमल दत्ता तथा प्रियरंजन दास मुंशी को भी श्रद्धांजलि अर्पित की। वहीं राज्यसभा में भी शरद यादव और अली अनवर अंसारी को राज्यसभा से अयोग्य घोषित करने के खिलाफ विपक्ष के हंगामे के कारण उच्च सदन की कार्रवाई को कुछ समय के लिए स्थगित कर दिया गया था।

14 बिल होंगे सदन में पेश
इस सत्र में सरकार कुल 14 बिल पेश कर सकती है, इनमें तीन तलाक बिल भी शामिल है। इस बिल के प्रावधान के तहत तीन तलाक देने वाले व्यक्ति को तीन साल तक की सजा हो सकती है।
इसके अलावा पिछड़ा जाति विधेयक, वित्तीय संकल्प और जमा बीमा विधेयक, मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक, कंपनी अधिनियम (संशोधन) विधेयक और नाबार्ड (संशोधन) आदि बिल सदन में पेश किए जा सकते हैं। बता दें कि 15 दिसंबर से 5 जनवरी तक चलने वाला यह सत्र मात्र 22 दिनों का होगा जिसमें अगर छुट्टियों को हटा दें तो संसद सिर्फ 14 दिनों तक ही चलेगा और सरकार को इन दिनों के बीच अहम बिल पेश करने हैं।


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