21 जुलाई से शुरु होगा मानसून सत्र, पहलगाम हमला, ऑपरेशन सिंदूर और जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग पर होगी बड़ी बहस

punjabkesari.in Sunday, Jul 20, 2025 - 03:54 PM (IST)

नेशनल डेस्क : संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होकर 21 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान कुल 21 बैठकें होंगी। संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने बताया कि इस सत्र के दौरान कई अहम मुद्दों पर चर्चा की जाएगी, जिनमें पहलगाम आतंकी हमला और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ प्रमुख हैं। इसके साथ ही, सत्र में जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव भी पेश किया जाएगा।

महाभियोग प्रस्ताव को लेकर सहमति

लोकसभा में जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की तैयारी पूरी हो चुकी है। इस प्रस्ताव पर अब तक 100 से अधिक सांसदों ने हस्ताक्षर कर दिए हैं। कांग्रेस पार्टी के 40 सांसदों ने भी इस प्रस्ताव पर दस्तखत किए हैं, जिनमें नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भी शामिल हैं। सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने महाभियोग प्रस्ताव को लेकर सभी दलों को एक तय ‘कोटा’ दिया था कि उनकी पार्टी से कितने सांसद हस्ताक्षर करेंगे। कांग्रेस को 40 सांसदों का लक्ष्य दिया गया था, जिसे पार्टी ने पूरा कर दिया। सभी हस्ताक्षरित दस्तावेज अब संसदीय राज्य मंत्री को सौंपे गए हैं। गौरतलब है कि महाभियोग प्रस्ताव लाने के लिए लोकसभा में कम से कम 100 और राज्यसभा में 50 सांसदों के हस्ताक्षर आवश्यक होते हैं।

सर्वदलीय बैठक में हुआ विचार-विमर्श

सत्र से पहले हुई सर्वदलीय बैठक में 51 दलों की ओर से कुल 40 नेता शामिल हुए। बैठक के बाद मंत्री किरण रिजिजू ने कहा, “हमने सभी नेताओं से आग्रह किया है कि सदन सुचारु रूप से चले, यह सभी की जिम्मेदारी है। यह सिर्फ पक्ष या विपक्ष का नहीं, पूरे लोकतंत्र का विषय है। हमने छोटी पार्टियों को अधिक समय देने की मांग को भी बीएसी (बिजनेस एडवाइजरी कमेटी) की बैठक में रखने का वादा किया है।” प्रधानमंत्री मोदी की संसद में उपस्थिति को लेकर उठे सवालों पर रिजिजू ने कहा, “प्रधानमंत्री सदन में हमेशा उपस्थित रहते हैं। केवल विदेश दौरे या किसी विशेष परिस्थिति में उनकी अनुपस्थिति होती है। हर समय पीएम को विवाद में घसीटना ठीक नहीं है।”

पहलगाम हमला और ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा

केंद्रीय मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि सत्र के दौरान पहलगाम आतंकी हमला और ऑपरेशन सिंदूर जैसे गंभीर मामलों पर नियमों के तहत चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा, “हम सभी महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा को तैयार हैं, लेकिन सदन की प्रक्रिया और नियमों का पालन अनिवार्य है।” पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत-पाकिस्तान संघर्ष में मध्यस्थता के दावों पर पूछे गए सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा, “विदेशी नेताओं के बयानों पर भारतीय संसद में चर्चा नहीं होती। यह हमारे संसदीय परंपराओं के अनुरूप नहीं है।”

 

 


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Content Editor

Shubham Anand

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