पप्पू यादव ने कुंभ मेले में हुई मौतों पर उठाए सवाल, कहा- क्यों नहीं दी गई सही जानकारी?

punjabkesari.in Tuesday, Feb 04, 2025 - 06:24 PM (IST)

नेशनल डेस्क: महाकुंभ मेला 2025 में मौनी अमावस्या के दिन संगम नोज पर मची भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना पर राजनीति तेज हो गई है। पूर्णिया से लोकसभा सांसद पप्पू यादव ने इस मामले पर सरकार को निशाने पर लेते हुए तीखा बयान दिया। उन्होंने कहा कि एक बाबा का कहना है कि जो कुंभ में मरे हैं, उन्हें मोक्ष मिल गया। पप्पू यादव ने इसके जवाब में कहा कि वह चाहते हैं कि ऐसे बाबा और महाकुंभ में जाने वाले नेता तथा पैसे वाले लोग गंगा में डुबकी लगाकर मर जाएं ताकि इन लोगों को मोक्ष मिल सके।

पप्पू यादव का बयान
बता दें कि पप्पू यादव ने सोमवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा करते हुए यह बयान दिया था। हालांकि, उन्होंने सीधे तौर पर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का नाम नहीं लिया, लेकिन उनके मोक्ष वाले बयान का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि जो लोग महाकुंभ में जाते हैं, वे डुबकी लगाकर मोक्ष प्राप्त करें। पप्पू यादव ने कहा, "मैं चाहूंगा कि बाबा, नागा और जो नेता और पैसे वाले लोग वहां जाते हैं, वे डुबकी लगाकर मर जाएं ताकि उनका कल्याण हो जाए और वे मोक्ष में चले जाएं।"

महाकुंभ में हुई मौतों पर सवाल
इस दौरान पप्पू यादव ने महाकुंभ में हुई मौतों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि वहां के लोग बता रहे हैं कि मरने वालों की संख्या 300 से 600 के बीच थी, लेकिन सरकार और प्रशासन ने अब तक इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। पप्पू यादव ने यह भी कहा कि जब पंडित नेहरू प्रधानमंत्री थे, तब कुंभ के आयोजन का बजट केवल 487 करोड़ हुआ करता था, लेकिन अब यह बढ़कर 10 हजार करोड़ हो गया है। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि उस समय अगर लोग मरते थे तो उनकी गिनती होती थी, लेकिन आज आधुनिकता के बावजूद मरने वालों की सही संख्या क्यों नहीं बताई जा रही है।

धीरेंद्र शास्त्री का बयान
गौरतलब है कि बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने इस हादसे के बाद बयान दिया था कि जो लोग गंगा के किनारे मरते हैं, उन्हें मोक्ष प्राप्त होता है। उनका कहना था कि "यहां जो लोग मरे हैं, उनकी मृत्यु नहीं हुई है, बल्कि उन्हें मोक्ष मिला है।" यह बयान विवादों का कारण बना और अब पप्पू यादव ने इस पर अपने तीखे शब्दों में प्रतिक्रिया दी है। महाकुंभ मेला में हुई भगदड़ और उसके बाद की मौतों पर अब तक राजनीतिक बयानबाजी जारी है। 


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Content Editor

Harman Kaur

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