भारत पर हमले के लिए छटपटा रहा है आईएसआईएस

punjabkesari.in Thursday, Apr 14, 2016 - 03:28 PM (IST)

पेरिस और बेल्जियम में आतंकवादी हमले के बाद सबसे खूंखार आतंकवादी संगठन आईएसआईएस को लेकर पूरी दुनिया में दहशत का माहौल है। भारत में भी हाईअलर्ट घोषित है। आशंका है कि भारत उसका अगला निशाना हो सकता है। दरअसल, कुछ महीने पहले आईएसआईएस ने अपना एक नक्शा जारी किया था। उसमें काले रंग से आने वाले 5 सालों में अपने साम्राज्य को दिखाने की कोशिश की गई, जिसमें भारत भी शामिल है। कई बार उसने अपने वीडियो और ऑडियो टेप में भारत का जिक्र किया है। खतरा इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि अब आईएसआईएस अब क्षेत्रीय आतंकवादी संगठन नहीं रहा है। यह ग्लोबल आतंकवादी संगठन बन गया है। इसके पास भरपूर धन-दौलत,सांगठनिक क्षमता, बड़ी संख्या में आतंकी और तकनीकि दक्षता भी है। पहले यह मध्य-पूर्व के कुछ इलाके तक में ही सक्रिय था। फिर इसकी गतिविधियां सीरिया, इराक, ट्यूनिशिया और मिस्र से आगे निकल गई हैं। पेरिस और बेल्जियम के हमलों से साफ है कि ये कम ताकतवर नहीं है। 

आईएसआईएस की ऑनलाइन मैगजीन ''दबिक'' के ताजा अंक में बांग्लादेश में आईएसआईएस आतंकियों के मुखिया शेख अबू इब्राहिम अल-हनीफ ने इंटरव्यू में भारत पर दोतरफा हमले की बात कही है। यानि यह आतंकी संगठन पाकिस्तान और बांग्लादेश दोनों सीमाओं से हमले की तैयारी कर रहा है। आईएसआई भारत पर हमला करने की फिराक में है यह सूचना बहुत पुरानी है,लेकिन उसने जिन दो दिशाओं का खुलासा किया है उससे भारत को अत्यधिक सतर्कता बरतना बहुत जरूरी है। इस प़त्रिका के अनुसार दोतरफा गुरिल्ला वार की बात कही जा रही है। इस काम में उनकी मदद भारत में मौजूद मुजाहिदीन करेंगे। सवाल उठता है कि आईएसआईएस हमले की पूरी लोकेशन क्यों बता रहा है। वह तो अचानक हमला करता आया है। कहीं वह भारत की खुफिया एजेंसियों और सुरक्षा बलों को भ्रमित तो नहीं करना चाहता। कहीं ऐसा न हो कि उनका ध्यान पलटते ही वह कहीं ओर से हमला बोल दे। इसके मद्देनजर भारत को और चौकसी बरतनी होगी।

यूरोप से आगे पेरिस हमले के बाद यह बड़ा संदेश भारत के लिए भी है। पिछले कई महीनों से आईएसआईएएस भारत का दरवाजा खटखटा रहा है। पाकिस्तान में इस खतरनाक संगठन ने अपना मजबूत आधार तैयार कर लिया है। जानकारी मिली थी कि पाकिस्तान में इसके  करीब 250 आतंकवादियों के भारत में घुसपैठ के लिए तैयार बैठेे हैं। पाकिस्तान-अफगानिस्तान की सीमा वाले इलाके में जहां पर कि किसी का कानून नहीं चलता,वहां भी इसकी बड़ी मौजूदगी है। यह खतरा ज्यादा बड़ा इसलिए है क्योंकि बांग्लादेश के साथ ही भारत अपनी सबसे बड़ी करीब 4100 किलोमीटर लंबी सीमा को साझा करता है। 

काफी समय पहले यह जानकारी आई थी कि आईएसआईएस भारत में घुसपैठ शुरू कर चुका है। राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी भी इसकी पुष्टि कर चुकी है। उसने केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र और जम्मू कश्मीर में रहने वाले गरीब मुसलमान युवकों को मोटा वेतन और सुविधाओं का आकर्षण देकर आनी ओर खींचना आरंभ कर दिया है। इसने अपनी वेबसाइट पर हिन्दी, तमिल और ऊर्दू सबटाइटल्स के साथ जिहाद के साहित्य पोस्ट किए हैं। इसके अलावा हिन्दी में भी जिहाद के साहित्य मौजूद हैं। वह भारतीय युवकों का ब्रेन वॉश करने का काम कर रहा है। इन भर्तियों के पीछे कारण यह बताया जा रहा है कि इराक और सीरिया में अपना काम करने के बाद यह संगठन भारत में आंतकी गतिविधियों को बढ़ाएगा। आईएसआईएस पर एनआईए फाइल तैयार कर रही है। जिस प्रकार ताजा जानकारी सामने आई हैं अब फाइल के अलावा सुरक्षा प्रबंधों को और कड़ा करने का समय आ गया है। 

गौरतलब है कि जनवरी माह में भी कुछ जानकारियां मिली थीं कि आईएसआईएस भारत पर अलग तरह से हमले करने की साजिश रच रहा है। इसे लोन वूल्‍फ अटैक'' का नाम दिया गया था। लोन वूल्फ अटैक का मतलब होता है कि एक शख्स जो किसी एक ग्रुप से जुड़ा हुआ हो और अकेला ही हमला करे। इस बार गण्तंत्र दिवस पर फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांसवा ओलांद मुख्य अतिथि थे। इसीलिए आईएसआईएस के संभावित खतरे को लेकर सुरक्षा एजेंसियां को चौंकन्नी हो गईं। कुछ माह पहले पेरिस में हुए आतंकी हमलों में 130 लोग मारे गए थे। इसके बाद भारत में आतंकी हमलों को अंजाम देने के लिए आईएसआईएस ने कनाडा में छिपे सिख आतंकी गुटों से हाथ मिलाने की जानकारी मिली थी।

इसी साल फरवरी में खबर आई थी कि देश के हिंदुओं के खिलाफ एक बड़ी साजिश रची जा रही है। तब भी आईएसआईएस के मुखपत्र दबिक में एक इंटरव्यू छपा था। जिसमें बगदादी के एक कमांडर ने दावा किया था कि हिंदुओं पर हमले के लिए एक खास खोरासन विंग तैयार की है। खोरासन का शाब्दिक अर्थ उगते सूरज की धरती होता है। एक अंग्रेजी अखबार में बताया गया था कि दुनिया का सबसे खूंखार आतंकवादी अबु बकर अल बगदादी अब उन हिंदुओं को निशाने पर लेने की तैयारी में है जो गायों की पूजा करते हैं। दाबिक में बगदादी की नई साजिश का पूरा खाका देने की बात कही जा रही थी कि खोरासन विंग हिंदुओं के अलावा बुतपरस्ती करने वाले शियाओं को भी निशाने पर लेगी। खोरासन वो प्राचीन इलाका है, जिसमें आज के दौर में कई देशों के हिस्से आते हैं। जैसे अफगानिस्तान का हेरात और बालखंड, ईरान के मशाद और निशापोर, तुर्कमेनिस्तान के मेरी और निसा शहर और उजबेकिस्तान के बुखारा और समरकंद। कहा तो यहां तक जाता है कि खोरासन के प्राचीन इलाके में भारतीय उपमहाद्वीप के कई इलाके आते हैं, उनमें सिंध के अलावा हिंदूकुश पर्वत श्रंखला भी आती है। 


रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर कह चुके हैं कि यदि संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव स्वीकार करे तो भारत आईएसआईएएस के खिलाफ अभियान में शामिल हो सकता है। उन्होंने स्वीकार किया था कि आईएसआईएस के बारे में भारत खुफिया सूचनाएं साझा कर रहा है।  भारत ने कहना है कि यदि संयुक्त राष्ट्र का प्रस्ताव, संयुक्त राष्ट्र का ध्वज और संयुक्त राष्ट्र का मिशन हो तो वह संयुक्त राष्ट्र के ध्वज तले काम करने की नीति के अनुरूप कार्रवाई में शामिल होगा। अभी जवाब की प्रतीक्षा की जा रही है। 

 


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