ऑपरेशन सिंदूर खत्म नहीं... पाकिस्तान कोई दुस्साहस करने से पहले दो बार सोचेगा: राजनाथ सिंह
punjabkesari.in Friday, Oct 24, 2025 - 12:07 AM (IST)
नेशनल डेस्क: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान को सावधान रहने के लिए ‘‘अच्छी खुराक'' दे दी है और वह अब भारत के खिलाफ कोई भी दुस्साहस करने से पहले दो बार सोचेगा। रक्षा मंत्री ने राजस्थान के जैसलमेर में सशस्त्र बलों से भी कहा कि वे सतर्क रहें क्योंकि भारत के ‘‘दुश्मन कभी निष्क्रिय नहीं रहते।'' सिंह ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उसने कोई दुस्साहस किया तो भारतीय सेना उसे और कड़ा जवाब देगी। उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान भारत के खिलाफ अब कोई भी दुस्साहस करने से पहले दो बार सोचेगा क्योंकि हमारे सशस्त्र बलों ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान उन्हें सावधान रहने के लिए अच्छी खुराक दे दी है।''
रक्षा मंत्री ने ‘बड़ा-खाना' (विशाल भोज) के दौरान सेना के जवानों के साथ बातचीत में दोहराया कि ऑपरेशन सिंदूर खत्म नहीं हुआ है और इसे केवल रोका गया है। उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान कोई दुस्साहस करता है तो उसे और कड़ा जवाब दिया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पायलट ने पाकिस्तान के सामने भारत की ताकत का केवल एक छोटा सा नमूना पेश किया। अगर उन्हें मौका मिला तो वे हमारी असली ताकत का प्रदर्शन करेंगे।''
"Pakistan will now think twice before attempting any misadventure against India": Rajnath Singh on Op Sindoor
— ANI Digital (@ani_digital) October 23, 2025
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पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में भारत ने सात मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था और पाकिस्तान के नियंत्रण वाले इलाकों में आतंकवादियो के बुनियादी ढांचों पर हवाई हमले किए थे। इन हमलों के बाद चार दिन तक भीषण झड़पें हुईं जो सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति बनने के साथ 10 मई को समाप्त हुईं। सिंह ने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के 2047 तक भारत को एक विकसित और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने के सपने को साकार करने में सशस्त्र बलों की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे सैनिक न केवल सीमाओं के रक्षक हैं, बल्कि राष्ट्र निर्माण के अग्रदूत भी हैं। यह सदी हमारी है; भविष्य हमारा है और आत्मनिर्भरता की दिशा में हमने जो प्रगति की है, उसे देखकर मुझे विश्वास है कि हमारी सेना दुनिया में निस्संदेह सर्वश्रेष्ठ बनेगी।''
रक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार सीमावर्ती बुनियादी ढांचे के विकास के लिए प्रतिबद्ध है तथा रक्षा तैयारियों को और मजबूत करने के लिए सीमाओं पर विकास गतिविधियां की जा रही हैं। उन्होंने भारत की संस्कृति, सभ्यता और मूल्यों के प्रतीक के रूप में बड़ा-खाना के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सेनाएं विभिन्न धर्मों, जातियों, भाषाओं और क्षेत्रों के लोगों का घर हैं। यहां बहुत विविधता है, जो बड़ा-खाना के दौरान एक ही थाली में झलकती है और इसे किसी भी अन्य रात्रिभोज से बेहतर बनाती है।''
सिंह ने बड़ा-खाना से पहले जैसलमेर में अपनी तरह के अनूठे कैक्टस-सह-वनस्पति उद्यान-शौर्यवन का भी उद्घाटन किया। रक्षा मंत्री ने जैसलमेर युद्ध स्मारक पर भी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी, रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह, उप-सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल पुष्पेंद्र सिंह और थल सेना के सभी कमांडर उपस्थित थे। सिंह शुक्रवार को जैसलमेर में सेना के कमांडरों के सम्मेलन को संबोधित करेंगे।
