भारत की स्ट्राइक बाद पाकिस्तान का शेयर बाजार भी धड़ाम ! KSE इंडेक्स में 7.2% की गिरावट और ट्रेडिंग बंद
punjabkesari.in Thursday, May 08, 2025 - 07:00 PM (IST)

Islamabad: भारत द्वारा हाल ही में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पीओके (पाक अधिकृत कश्मीर) में आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक किए जाने के अगले ही दिन पाकिस्तान का शेयर बाजार बुरी तरह लुढ़क गया। गुरुवार को KSE-30 इंडेक्स में 7.2% की भारी गिरावट दर्ज की गई, जिसके चलते कराची स्टॉक एक्सचेंज (KSE) ने ट्रेडिंग रोक दी । भारत ने पिछले महीने पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में बुधवार को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पीओके के 9 स्थानों पर आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया।
भारतीय रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस कार्रवाई में पाकिस्तानी एयर डिफेंस रडार और मिसाइल सिस्टम को टारगेट किया गया । इसके बाद से ही पाकिस्तान के बाजारों में भय और अस्थिरता का माहौल है। गुरुवार को जैसे ही बाजार खुला, भारी बिकवाली शुरू हो गई। कुछ ही समय में KSE-30 में गिरावट 7% पार कर गई, जिसके बाद ट्रेडिंग अपने आप निलंबित हो गई । KSE-100 इंडेक्स भी 6.3% की गिरावट पर पहुंच गया। विशेषज्ञों का मानना है कि निवेशकों को डर है कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव और गहरा सकता है। वहीं भारत में सेंसेक्स में 0.58% और निफ्टी में 0.5% की मामूली गिरावट देखने को मिली। पिछले अनुभवों से देखा गया है कि भारत के बाजारों ने कारगिल, उरी और पुलवामा जैसे संकटों के समय भी स्थिरता बनाए रखी है ।
भारत-पाक संकट में बाजारों की स्थिति
पाकिस्तान
KSE-30: अब तक कुल 14.2% गिरा
KSE-100: दो दिन में लगभग 9% गिरा
भारत
सेंसेक्स: 0.7% ऊपर
निवेशकों का विश्वास बना हुआ
पाकिस्तान ने कहा कि वह “अपनी मर्ज़ी के अनुसार, समय और स्थान चुनकर जवाब देगा।” इसके तुरंत बाद उसने LoC पर सीज़फायर का उल्लंघन करते हुए जम्मू-कश्मीर के भिंबर गली सेक्टर में भारी गोलाबारी की। भारतीय सेना ने संयमित और उपयुक्त तरीके से जवाब देने की बात कही है। बता दें कि भारत-पाक तनाव के कारणअमेरिका, ब्रिटेन, सिंगापुर, इज़राइल, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों ने अपने नागरिकों को भारत के जम्मू-कश्मीर और पाकिस्तान की यात्रा से बचने की सलाह दी है।
भारत की सैन्य कार्रवाई के बाद जहां पाकिस्तानी बाजारों में भारी गिरावट और डर का माहौल है, वहीं भारतीय अर्थव्यवस्था और निवेशकों का भरोसा बना हुआ है। पाकिस्तान के लिए यह आर्थिक, कूटनीतिक और मनोवैज्ञानिक तीनों स्तरों पर बड़ा झटका माना जा रहा है।