पाकिस्तान में जबरदस्त फूट ! आर्मी चीफ के दुश्मन Pak नेता मौलाना फजलुर ने भारत आने जताई इच्छा, बताया मकसद
punjabkesari.in Wednesday, Oct 08, 2025 - 01:26 PM (IST)

Islamabad: पाकिस्तान की प्रमुख धार्मिक व राजनीतिक पार्टी जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (एफ) के सरगना मौलाना फजलुर रहमान ने भारत यात्रा करने की इच्छा जता दी है। उनका उद्देश्य भारत को ‘शांति का पैगाम’ पहुंचाना है। यह जानकारी पार्टी के करीबी सहयोगी और सांसद कमरान मुरतजा ने पाकिस्तानी चैनल ‘आज न्यूज’ को दिए इंटरव्यू में साझा की। मुरतजा ने बताया कि मौलाना फजलुर रहमान ने हाल ही में एक भारतीय राजनयिक को व्यक्तिगत रूप से शांति का संदेश सौंपा। उन्होंने कहा कि मौलाना साहब भारत जाना चाहते हैं ताकि दोनों देशों के बीच शांति और संवाद की प्रक्रिया को बढ़ावा दिया जा सके।
मौलाना फजलुर रहमान ने 2002 और 2003 में भी भारत का दौरा किया था, उस समय उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से मुलाकात कर शांति प्रक्रिया का समर्थन किया था। वह प्रमुख इस्लामी विद्वान और पाकिस्तान की संसद में विपक्ष के पूर्व नेता हैं। सूत्रों के अनुसार, मौलाना का यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब पाकिस्तान की राजनीतिक और सैन्य व्यवस्था में आंतरिक दरारें गहराती जा रही हैं, विशेषकर पंजाबी और पश्तून वर्गों के बीच तनाव बढ़ रहा है। मौलाना फजलुर रहमान खुद को पश्तून असंतोष की राजनीतिक आवाज के रूप में पेश कर रहे हैं।
खुफिया एजेंसियों के अनुसार, कई पश्तून मूल के राजनेता और सेना अधिकारी जनरल असीम मुनीर के नेतृत्व में उपेक्षित महसूस कर रहे हैं और मौलाना के “अमन नैरेटिव” का समर्थन कर रहे हैं। यह कदम पाकिस्तान की सत्ता संरचना में एक “शांत लेकिन गहरी दरार” को दर्शाता है। मौलाना की भारत यात्रा की इच्छा कई उद्देश्यों को साधने की कोशिश हो सकती है। यह नई दिल्ली की प्रतिक्रिया परखने का माध्यम भी हो सकती है और इस्लामाबाद में मौजूदा सत्ता समीकरणों को चुनौती देने का प्रतीक भी। इसे सेना की कठोर नीति के विपरीत “जनकेंद्रित” और “नरम” दृष्टिकोण के रूप में देखा जा रहा है। खुफिया सूत्रों ने बताया कि खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान से जुड़े कई अधिकारी भारत के प्रति बढ़ते आक्रामक रुख का विरोध कर रहे हैं, क्योंकि यह सीमा इलाकों में अस्थिरता और गरीबी को और गहरा कर रहा है।