'जाधव की मौत की सजा, सोची समझी हत्या का मामला'

punjabkesari.in Monday, Apr 10, 2017 - 06:58 PM (IST)

नई दिल्लीः भारत ने कुलभूषण जाधव को पाकिस्तानी सैन्य अदालत द्वारा मृत्युदंड सुनाये जाने को लेकर आज पाकिस्तान के समक्ष कड़ा विरोध जताया और कहा कि अगर न्याय के मूलभूत सिद्धांतों एवं अंतर्राष्ट्रीय नियमों को दरकिनार कर जाधव को मौत की सजा दी गई तो इसे उनकी सुनियोजित हत्या समझी जाएगी।  

विदेश सचिव एस जयशंकर ने यहां पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित को आज तलब किया और उन्हें भारत का विरोध पत्र सौंपा जिसमें साफ तौर पर कहा गया कि जाधव का पिछले साल ईरान से अपहरण किया गया था और पाकिस्तान में उनकी मौजूदगी के बारे में कभी भी विश्वसनीय जानकारी नहीं दी गई। भारत सरकार ने अपने उच्चायोग के माध्यम से बार बार उनसे अंतर्राष्ट्रीय नियमों के अनुरूप राजनयिक संपर्क स्थापित करने की अनुमति मांगी गयी। 25 मार्च 2016 से 31 मार्च 2017 के बीच ऐसे 13 औपचारिक अनुरोध किये गये लेकिन पाकिस्तान सरकार ने उन्हें नहीं स्वीकार किया। 

पाक सैन्य अदालत ने भारतीय कुलभूषण जाधव को सुनाई मौत की सजा 
आपको बता दें कि पाकिस्तान के शक्तिशाली सेना प्रमुख ने आज कथित भारतीय जासूस कुलभूषण जाधव को सैन्य अदालत द्वारा दोषी पाये जाने के बाद उसकी मौत की सजा को मंजूरी दे दी है। सैन्य अदालत ने जाधव को देश के खिलाफ ‘‘जासूसी और विध्वंसक गतिविधियों में शामिल’’ होने का दोषी पाया था। इस कदम से पहले से ही तनावपूर्ण भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में और कड़वाहट आ सकती है। पाकिस्तानी सेना की सैन्य इकाई इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने कहा कि फील्ड जनरल कोर्ट मार्शल (एफजीसीएम) द्वारा ‘सभी आरोपों में’ दोषी पाये जाने पर 46 वर्षीय जाधव की मौत की सजा पर सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने मुहर लगा दी। 


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