पाकिस्तान में एक और हिंदू लड़की की गोली मारकर हत्या, अपहरण का विरोध करने पर मिली मौत

punjabkesari.in Tuesday, Mar 22, 2022 - 12:40 PM (IST)

पेशावरः पाकिस्तान के  सिंध में एक और हिंदू युवती की सरेआम हत्या कर दी गई । मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक बदमाश लड़की का अपहरण करने की कोशिश कर रहा था। नाकाम रहने पर बदमाश ने उसे बीच सड़क गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया। मृतका की पहचान 18 वर्षीय पूजा ओद के रूप में हुई है। 'द फ्राइडे टाइम्स अखबार' की रिपोर्ट के अनुसार  घटना सुक्कुर के रोही इलाके की है।   मुख्य आरोपी का नाम  वाहिद लशारी बताया जा रहा है। पाकिस्तान की पत्रकार नायला इनायत ने ट्वीट कर लिखा, 'पाकिस्तान में आए दिन हिंदू और इसाई बेटियों का जबरन अपहरण, धर्मांतरण और शादी की जाती है। पाकिस्तान ये सब तमाशबीन बनकर देखता रहता है। वाहिद लशारी ने अपहरण का विरोध करने पर 18 साल की पूजा की गोली मारकर हत्या कर दी।'

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यह पहला मौका नहीं है जब पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय की लड़की के अपहरण की कोशिश की गई है। मानवाधिकारों को लेकर बार बार भारत पर निशाना साधने वाले प्रधानमंत्री इमरान खान का अपना देश पाकिस्तान अल्पसंख्यकों के लिए नर्क बन गया है। पाक में  हर दिन अल्पसंख्यकों को जलालत की मौत दी जाती है। हिंदू लड़कियों-महिलाओं को भेड़ियों की नजर से ही देखा जाता है । अल्पसंख्यक बच्चियों खास कर हिंदू लड़कियों का अपहरण कर जबरन धर्मांतरण कर उनसे निकाह करवाए जा रहे हैं। सबसे ज्यादा खराब हालत पाकिस्तान के सिंध में हैं जहां हिन्दू महिलाओं के साथ जबर्दस्ती करने का सिलसिला बदस्तूर जारी है।

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मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने बताया कि हर साल सैकड़ों इसाई और हिंदू लड़कियों का इस्लाम में जबरन धर्मांतरण किया जाता है। उनका कहना है कि देश के अल्पसंख्यक समुदाय लंबे समय से जबरन विवाह और धर्मांतरण के मुद्दे का सामना कर रहे हैं। कई अधिकार संगठनों ने इसके लिए पाकिस्तान सरकार की आलोचना की है। संगठनों ने कहा है कि पाकिस्तानी सरकार हिंदू और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे अपराधों को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है। इससे पहले, सिंध में प्रांतीय सरकार ने जबरन धर्मांतरण और विवाह को प्रतिबंधित करने का प्रयास किया था। हालांकि, धार्मिक प्रदर्शनकारियों ने यह कहते हुए बिल का विरोध किया कि लड़कियां मुस्लिम पुरुषों के प्यार में पड़ने के बाद ही धर्म परिवर्तन करती हैं।

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पीपुल्स कमीशन फॉर माइनॉरिटीज राइट्स एंड ता सेंटर फॉर सोशल जस्टिस के अनुसार, साल 2013 और 2019 के बीच जबरन धर्मांतरण के 156 मामले दर्ज किए गए। साल 2019 में सिंध सरकार ने जबरन धर्मांतरण और शादी के खिलाफ कानून बनाने की कोशिश की थी। हालांकि, उस दौरान कई धार्मिक प्रदर्शनकारियों ने बिल का विरोध किया था। उन्होंने तर्क दिया था कि लड़कियों को धर्मांतरण के लिए मजबूर नहीं किया जा रहा, बल्कि वे मुसलमान पुरुषों के साथ प्यार करने के बाद ऐसा कर रही हैं।


 


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Content Writer

Tanuja

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