बढ़ी साजिशों की बू ! हसीना के तख्तापलट बाद पाक सैन्य अफसरों का 7वां बड़ा बांग्लादेश दौरा, भारत की स्थिति पर पैनी नजर
punjabkesari.in Monday, Nov 03, 2025 - 01:24 PM (IST)
Dhaka: बांग्लादेश की सत्ता परिवर्तन के बाद पड़ोसी देशों की हलचल तेज हो गई है। शेख हसीना के तख्तापलट के बाद पाकिस्तान की बढ़ती सक्रियता ने दक्षिण एशिया की सुरक्षा समीकरणों को हिला दिया है। अब पाकिस्तान के नेवी चीफ एडमिरल नवीद चौधरी ढाका पहुंचने वाले हैं। यह पिछले 11 महीनों में किसी पाक सैन्य या सरकारी अधिकारी का सातवां दौरा है जिससे नई रणनीतिक साजिशों की बू उठ रही है। भारत की खुफिया और कूटनीतिक एजेंसियां इस बढ़ती नजदीकी पर कड़ी नजर रखे हुए हैं, क्योंकि पाकिस्तान न केवल बांग्लादेश के साथ सैन्य समझौते और प्रशिक्षण कार्यक्रमों को बढ़ाने में जुटा है, बल्कि आर्थिक और खुफिया स्तर पर घुसपैठ की कोशिश भी कर रहा है।
जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान नेवी चीफ एडमिरल नवीद चौधरी 8 नवंबर को बांग्लादेश के चार दिवसीय दौरे पर जा रहे हैं। वे यहां अपने समकक्षों से नौसेना सहयोग और सैन्य प्रशिक्षण से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करेंगे। यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब पाकिस्तान के जॉइंट आर्मी चीफ शमशाद मिर्जा का ढाका दौरा कुछ ही दिन पहले खत्म हुआ था। पिछले 11 महीनों में पाकिस्तान के सेना और सरकार के सात बड़े प्रतिनिधि बांग्लादेश का दौरा कर चुके हैं। अगस्त 2024 में शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार बनी। यूनुस के सत्ता में आने के बाद पाकिस्तान ने तेजी से अपने राजनयिक और सैन्य संपर्क बढ़ाए हैं।अब तक जिन प्रमुख पाक नेताओं ने बांग्लादेश का दौरा किया है, उनमें उप प्रधानमंत्री इशाक डार, रक्षा राज्य मंत्री कमाल खान, विदेश सचिव अमना बलूच, जॉइंट चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ शमशाद मिर्जा के नाम खासतौर पर शामिल हैं।
वहीं बांग्लादेश सरकार के कई सलाहकार भी इस्लामाबाद जाकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से मिले हैं। धार्मिक और खाद्य मामलों के सलाहकार ने तो शरीफ को ढाका आने का न्यौता भी दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान बांग्लादेश के साथ एक नए सैन्य समझौते की कोशिश कर रहा है। इसमें प्रशिक्षण, तकनीकी उपकरण, और सेना स्तर पर कोर्स कार्यक्रमों की साझेदारी शामिल हो सकती है।इसके अलावा, पाकिस्तानी एजेंसियां बांग्लादेश की खुफिया संस्थाओं में घुसपैठ करने की कोशिश में भी हैं, हालांकि अभी तक उन्हें इसमें सफलता नहीं मिली है। सिर्फ सैन्य नहीं, पाकिस्तान अब आर्थिक रिश्तों को भी मजबूत करने में जुटा है। उसका लक्ष्य है कि दोनों देशों के बीच व्यापारिक लेनदेन 865 मिलियन डॉलर से बढ़ाकर 1 बिलियन डॉलर से अधिक किया जाए।
