संसद में गरजे राहुल गांधी, कहा - 'ऑपरेशन 'सिंदूर' क्यों रोका गया, हम चट्टान की तरह सरकार के साथ खड़े रहे'

punjabkesari.in Tuesday, Jul 29, 2025 - 05:47 PM (IST)

नेशनल डेस्क: पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले को लेकर संसद में महाबहस जारी है। विपक्ष ने सरकार से कई अहम सवाल पूछे हैं—जैसे कि आतंकी हमला कैसे हुआ, इंटेलिजेंस फेलियर कैसे हुआ, आतंकी कहां से आए थे, ऑपरेशन 'सिंदूर' को बीच में क्यों रोका गया और अचानक सीजफायर की घोषणा क्यों की गई?

लोकसभा में गरमाई बहस, राहुल गांधी का तीखा हमला
लोकसभा में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर सवालों की बौछार करते हुए कहा कि "22 अप्रैल को पहलगाम में क्रूर आतंकी हमला हुआ, आतंकियों ने निर्मम तरीके से लोगों की हत्या की। हम सभी पाकिस्तान की निंदा करते हैं। सभी दलों ने सरकार का समर्थन किया। चट्टान की तरह सरकार और फौज के साथ खड़े रहे। जो हुआ गलत हुआ। सभी ने निंदा की।

'1971 में एक लाख पाकिस्तानी सैनिकों ने किया था आत्मसमर्पण'
राहुल गांधी ने 1971 की ऐतिहासिक घटना का जिक्र करते हुए कहा, "उस समय भारत के पास एक मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति थी। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने जनरल मानेकशॉ को पूरी छूट दी थी। मानेकशॉ ने भी ऑपरेशन के लिए सही समय मांगा था। नतीजा यह हुआ कि पाकिस्तान के एक लाख सैनिकों ने भारत के सामने आत्मसमर्पण किया था।" राहुल ने सरकार से पूछा कि इस बार ऑपरेशन को बीच में क्यों रोका गया और सीजफायर की घोषणा किस आधार पर की गई। उन्होंने कहा कि इस तरह के हमलों के पीछे की सच्चाई और जिम्मेदारी तय करना जरूरी है।

भारतीय सेना टाइगर है- राहुल गांधी

राहुल ने कहा कि भारतीय जवान टाइगर हैं। टाइगर को आजादी देनी पड़ती है। सेना के इस्तेमाल के लिए इच्छाशक्ति जरूरी है। देश के लिए काम करना है तो जवानों को छूट देनी पड़ेगी। राहुल ने कहा कि मैंने राजनाथ सिंह का भाषण सुना। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर की तुलना 1971 से की. राहुल ने कहा कि 1971 में सरकार के पास इच्छाशक्ति थी।


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Content Editor

Shubham Anand

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