सावधान! वेट लॉस की दवा कहीं आपके लिए भी न कर दें मुश्किल पैदा, खासकर यह लोग रहें सतर्क

punjabkesari.in Tuesday, Dec 23, 2025 - 03:18 PM (IST)

नेशनल डेस्क। दुनिया भर में वजन घटाने के लिए मशहूर 'ओजेम्पिक' इंजेक्शन अब भारत में भी चर्चा का केंद्र बना हुआ है। मूल रूप से टाइप-2 डायबिटीज के मरीजों के लिए बनाई गई यह दवा आजकल अपनी एक 'साइड इफेक्ट' के कारण सुर्खियों में है और वह है तेजी से वजन कम करना। दिसंबर 2025 में भारत में इसकी उपलब्धता बढ़ने के साथ ही इसके फायदों और खतरों पर बहस तेज हो गई है।

ओजेम्पिक क्या है और यह कैसे काम करती है?

ओजेम्पिक का वैज्ञानिक नाम सेमाग्लूटाइड (Semaglutide) है। यह हमारे शरीर में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले GLP-1 हॉर्मोन की नकल करती है। डॉ. अनिल गोम्बर (सीनियर कंसल्टेंट, यथार्थ सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल) के अनुसार यह दवा शरीर में निम्नलिखित बदलाव लाती है। यह दिमाग को संकेत देती है कि आपका पेट भरा हुआ है। यह पेट के खाली होने की प्रक्रिया को धीमा कर देती है जिससे आप लंबे समय तक तृप्त महसूस करते हैं। यह इंसुलिन के उत्पादन को बढ़ाती है और ग्लूकागॉन (जो शुगर बढ़ाता है) को कम करती है।

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कीमत और परिणाम: क्या यह पैसा वसूल है?

मीडिया रिपोर्ट्स और बाजार के आंकड़ों के अनुसार भारत में इस इंजेक्शन का मासिक खर्च 10,000 से 20,000 रुपये के बीच आता है। एक साल में व्यक्ति का वजन 15% तक कम हो सकता है। शोध बताते हैं कि दवा छोड़ने के कुछ ही समय बाद घटा हुआ दो-तिहाई वजन वापस लौट आता है। इसे हफ्ते में केवल एक बार लगाना होता है।

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गंभीर खतरे और साइड इफेक्ट्स

जितनी यह दवा असरदार है उतने ही इसके जोखिम भी डराने वाले हैं। 2025 की लेटेस्ट स्टडीज के अनुसार:

  1. पैनक्रियाटाइटिस: पैंक्रियास में सूजन का खतरा 146% तक बढ़ सकता है।

  2. दृष्टि हानि (NAION): आंखों की एक दुर्लभ बीमारी का जोखिम बढ़ता है जिससे रोशनी जा सकती है।

  3. थायरॉइड ट्यूमर: जानवरों पर हुए परीक्षण में थायरॉइड कैंसर के लक्षण देखे गए हैं।

  4. गैस्ट्रोपेरेसिस: पेट की मांसपेशियां इतनी कमजोर हो सकती हैं कि भोजन पचना मुश्किल हो जाता है।

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किन लोगों को इस इंजेक्शन से दूर रहना चाहिए?

यदि आप वजन घटाने के लिए इसे आजमाना चाहते हैं तो सुनिश्चित करें कि आप इन श्रेणियों में न आते हों:

  • जिन्हें पहले कभी पैनक्रियाटाइटिस रहा हो।

  • जिनके परिवार में थायरॉइड कैंसर का इतिहास (Family History) हो।

  • किडनी या लिवर की गंभीर बीमारी वाले मरीज।

  • गर्भवती महिलाएं या स्तनपान कराने वाली माताएं।

 

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क्या हैं इसके फायदे? (डॉक्टर की सलाह पर)

अगर डॉक्टर की देखरेख में इसका सही इस्तेमाल किया जाए तो यह टाइप-2 डायबिटीज को नियंत्रित करने, हृदय रोगों (Heart Disease) के खतरे को कम करने और मोटापे से लड़ने में मदद कर सकती है। कुछ अध्ययनों में इसे अल्जाइमर जैसी भूलने की बीमारी में भी मददगार पाया गया है।


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Content Editor

Rohini Oberoi

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