'सबसे ज्यादा कंडोम मुसलमान इस्तेमाल कर रहा है', जनसंख्या को लेकर मोहन भागवत पर बरसे ओवैसी

punjabkesari.in Sunday, Oct 09, 2022 - 11:25 AM (IST)

नेशनल डेस्क: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल-मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने दावा किया है कि मुस्लिम समुदाय दो बच्चों के जन्म में अंतराल बनाए रखने के लिए कंडोम का सबसे ज्यादा इस्तेमाल करता है। उन्होंने जनसंख्या असंतुलन को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत की हालिया टिप्पणी पर यह प्रतिक्रिया दी।

हम इस्तेमाल कर रहे हैं सबसे ज्यादा कंडोम
ओवैसी ने यहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि भागवत इसका जिक्र नहीं करेंगे और उन्हें जनसंख्या वृद्धि पर चर्चा करने से पहले आंकड़े सामने रखने चाहिए। उन्होंने कहा, “मुसलमानों की आबादी नहीं बढ़ रही है। इस बारे में कोई चिंता न करें। हमारी आबादी घट रही है... मुसलमानों में टीएफआर (कुल प्रजनन दर) घट रही है। आप जानते हैं कि कौन दो बच्चों को जन्म देने में अधिक अंतराल बनाए रखता है? मुसलमान बनाए रखते हैं। कंडोम का सबसे ज्यादा इस्तेमाल कौन कर रहा है? आपको सूचित करना चाहता हूं कि हम इसका उपयोग कर रहे हैं। मोहन भागवत इसके बारे में बात नहीं करेंगे।” हैदराबाद से सांसद ओवैसी ने कहा, “मैं सच कह रहा हूं। (भागवत कहते हैं) जनसंख्या बढ़ रही है.. कहां बढ़ रही है भागवत साहब? आप आंकड़े रखिए और बात कीजिए।”

मुसलमानों को सड़कों पर लाठियों से पीटा जा रहा
गुजरात में नवरात्रि गरबा स्थल पर हुए पथराव में कथित रूप से शामिल कुछ मुसलमानों को कथित रूप से पुलिस द्वारा सार्वजनिक तौर पर पीटे जाने पर ओवैसी ने कहा कि जब उन्हें पीटा गया तो लोग मजे ले रहे थे। ओवैसी ने कहा, “उन्हें सड़कों पर लाठियों से पीटा जा रहा है। क्या यही भारतीय लोकतंत्र है? क्या यही भारतीय धर्मनिरपेक्षता है? क्या यह कानून का शासन है? सड़क किनारे किसी कुत्ते का भी सम्मान होता है। लेकिन एक मुसलमान का सम्मान नहीं किया जाता।” उन्होंने कहा कि आरोपियों के खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई की जानी चाहिए। 

मोहन भागवत का बयान
भागवत ने पांच अक्टूबर को कहा था कि भारत को व्यापक विचार विमर्श के बाद जनसंख्या नीति तैयार करनी चाहिए और यह नीति सभी समुदायों पर समान रूप से लागू होनी चाहिए। नागपुर में आरएसएस की दशहरा रैली में भागवत ने कहा था कि समुदाय आधारित जनसंख्या असंतुलन एक महत्वपूर्ण विषय है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए तथा जनसंख्या असंतुलन से भौगोलिक सीमाओं में परिवर्तन होता है।

 


 


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Content Editor

rajesh kumar

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