''एक राष्ट्र, एक चुनाव'' आम सहमति के बिना असंभव... खरगे ने पीएम मोदी की टिप्पणी को किया खारिज
punjabkesari.in Thursday, Oct 31, 2024 - 03:32 PM (IST)
नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' पहल को लागू करने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे हमारा लोकतंत्र मजबूत होगा। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम मोदी की 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' संबंधी टिप्पणी को खारिज करते हुए कहा कि संसद में आम सहमति के बिना यह पहल असंभव है।
कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "पीएम मोदी ने जो कहा है, वह ऐसा नहीं करेंगे, क्योंकि जब यह संसद में आएगा, तो उन्हें सभी को विश्वास में लेना होगा, तभी यह हो पाएगा। यह असंभव है, 'एक राष्ट्र एक चुनाव' असंभव है।" इससे पहले आज प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' और धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता को प्राप्त करने की दिशा में काम कर रही है।
भारत का लोकतंत्र मजबूत होगा- पीएम मोदी
गुजरात के केवड़िया में राष्ट्रीय एकता दिवस परेड को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "हम अब एक राष्ट्र एक चुनाव की दिशा में काम कर रहे हैं, जिससे भारत का लोकतंत्र मजबूत होगा, भारत के संसाधनों का अधिकतम उपयोग होगा और देश को विकसित भारत के सपने को साकार करने में नई गति मिलेगी। आज भारत एक राष्ट्र एक नागरिक संहिता यानी धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता की ओर बढ़ रहा है।"
दुनिया भी इसकी चर्चा कर रही
उन्होंने यह भी कहा कि पहले भारत में अलग-अलग कर प्रणालियां थीं, लेकिन भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने एक राष्ट्र, एक कर प्रणाली- जीएसटी बनाया। उन्होंने कहा, "आज हम सभी एक राष्ट्र पहचान- आधार की सफलता देख रहे हैं और दुनिया भी इसकी चर्चा कर रही है। पहले भारत में अलग-अलग कर प्रणालियाँ थीं, लेकिन हमने एक राष्ट्र, एक कर प्रणाली- जीएसटी बनाया।" उन्होंने कहा, "हमने वन नेशन वन पावर ग्रिड के साथ देश के बिजली क्षेत्र को मजबूत किया। हमने वन नेशन वन राशन कार्ड के माध्यम से गरीबों को मिलने वाली सुविधाओं को एकीकृत किया। हमने आयुष्मान भारत के रूप में देश के लोगों को वन नेशन वन हेल्थ इंश्योरेंस की सुविधा प्रदान की है।"
18 सितंबर को दी थी मंजूरी
गौरतलब है कि 18 सितंबर को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सरकार के 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' प्रस्ताव को मंजूरी दी थी, जिसमें लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने का प्रस्ताव है, साथ ही 100 दिनों के भीतर शहरी निकाय और पंचायत चुनाव कराने का भी प्रस्ताव है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली एक उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट में ये सिफारिशें की गई थीं।