The Kashmir Files: देशभर से कश्मीरी पंडित 2 अप्रैल को पहुंचेंगे घाटी, नवरेह के मौके पर करेंगे पूजा-अर्चना
punjabkesari.in Monday, Mar 28, 2022 - 01:27 PM (IST)

नेशनल डेस्क: कश्मीरी पंडितों के अपने ही घरों से विस्थापन का दर्द आज देश-दुनिया में बसे भारतीय महसूस कर रहे हैं। द कश्मीर फाइल्स ने दुनिया के सामने कश्मीरी पंडितों के विस्थापन की सच्चाई सबके सामने ला दी। आजतक जो बताया जा रहा था कि कश्मीरी पंडित खुद ही अपने घर छोड़कर कर गए द कश्मीर फाइल्स सबूत है कि कश्मीरी पंडित खुद गए या फिर उनको जबरदस्ती निकाला गया। आज हर कोई कश्मीरी पंडितों के साथ खड़ा है।
इसी बीच इस बार नवरेह मनाने 2 अप्रैल को शभर से कश्मीरी पंडित घाटी पहुंचेंगे। नवरेह का अर्थ कश्मीरी नए साल से है। नवरेह को कश्मीरी पंडित समुदाय द्वारा शुभ दिन के रूप में मनाया जाता है। कश्मीरी पंडित पिछले 32 साल से नवरेह पर यही प्रार्थना करते आ रहे हैं कि वो अपने घर लौट सकें और वहां पर इस त्योहार को मनाएं। जम्मू से भी बस के जरिए कश्मीरी पंडित घाटी में जाकर हरि पर्वत पर मां शारिका मंदिर में पूजा-अर्चना के साथ ही पंडितों की वापसी की कामना करेंगे। भाजपा नेता डॉ. सुब्रह्मण्यम स्वामी व शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी भी इस मौके की साक्षी होंगी।
शेर-ए कश्मीर पार्क में नवरेह मिलन कार्यक्रम
शारिका मंदिर में पूजा-अर्चना के साथ ही शेर-ए कश्मीर पार्क में नवरेह मिलन कार्यक्रम होगा। घाटी में भाईचारे को बढ़ावा देने के साथ ही पंडितों की सम्मानजनक वापसी की आवाज बुलंद की जाएगी। जेके पीस फोरम की ओर से देशभर के कश्मीरी पंडितों को नवरेह पर 2 अप्रैल को कश्मीर में जुटाने की तैयारियां की गई हैं। इस कार्यक्रम का मकसद दहशत में घर-बार छोड़ने के लिए मजबूर लोगों के लिए सुरक्षा व आत्मसम्मान की भावना जगाना है। फोरम के चेयरमैन सतीश महालदार ने बताया कि इस बार कोशिश है कि सभी धर्मों के लोगों को एक मंच पर लाकर पंडितों की वापसी का माहौल बनाया जाए।
मोहन भागवत भी नवरेह पर करेंगे संबोधित
सर संघचालक डॉ. मोहन भागवत भी नवरेह पर ऑनलाइन संबोधित करेंगे। संजीवनी शारदा केंद्र जम्मू के माध्यम से इस कार्यक्रम का आयोजन 3 अप्रैल को होगा। भागवत पिछले साल भी संबोधित करने वाले थे लेकिन अस्वस्थ होने की वजह से यह संभव नहीं हो पाया था।