राणा सांगा विवाद पर सपा सांसद रामजी लाल सुमन बोले- इस जिंदगी में तो माफी नहीं मांगूंगा
punjabkesari.in Thursday, Mar 27, 2025 - 05:38 PM (IST)

नेशनल डेस्क: समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सदस्य रामजी लाल सुमन ने बृहस्पतिवार को राणा सांगा पर अपनी टिप्पणी को लेकर माफी मांगने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि इतिहास को नकारा नहीं जा सकता और वह अपने बयान पर कायम हैं। सुमन का कहना था कि राणा सांगा ने बाबर को इब्राहिम लोदी को हराने के लिए बुलाया था, जिसे उन्होंने एक गद्दारी के रूप में पेश किया। जिसमें वह कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि राणा सांगा एक ‘गद्दार' था, जिसने इब्राहिम लोदी को हराने के लिए बाबर को बुलाया था। राणा सांगा या संग्राम सिंह प्रथम 1508 से 1528 तक मेवाड़ के शासक थे। सांसद ने बृहस्पतिवार को कहा, ‘‘मैं इस जन्म में माफी नहीं मांगूंगा, मुझे अगले जन्म का पता नहीं है।'' सुमन ने यह टिप्पणी उनके आगरा स्थित घर पर करणी सेना के सदस्यों द्वारा कथित तौर पर किए गए हमले के एक दिन बाद की है। सुमन ने कहा, ‘‘उन्हें सच स्वीकार करना सीखना होगा। बाबर को राणा सांगा ने इब्राहिम लोदी को हराने के लिए आमंत्रित किया था।
हमले का आरोप और परिवार को नुकसान पहुंचाने की धमकी
रामजी लाल सुमन ने अपने घर पर करणी सेना के हमले का आरोप लगाया और कहा कि यह हमला उनके परिवार को नुकसान पहुंचाने के इरादे से किया गया था। सुमन ने बताया कि सोशल मीडिया पर उन्हें धमकियां मिल रही थीं और अगले दिन उनकी शिकायत के बाद हमलावरों ने उनके घर पर तोड़फोड़ की। सांसद ने कहा कि इस हमले में उनके परिवार को गंभीर नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई।
करणी सेना और राजपूत समाज का विरोध
रामजी लाल सुमन की टिप्पणी पर करणी सेना और राजपूत समाज ने विरोध व्यक्त किया है। करणी सेना के प्रमुख सूरज पाल सिंह अमू ने इस टिप्पणी को मुगलों को हराने वाले नायक का अपमान करार दिया और सुमन तथा सपा प्रमुख अखिलेश यादव से माफी की मांग की। सुमन के घर पर हमलावरों ने तोड़फोड़ की, कारों को नुकसान पहुंचाया और घर की खिड़कियों के शीशे तोड़ दिए। इस दौरान एक पुलिसकर्मी भी घायल हो गया।
राज्यसभा सभापति को सूचित किया और हमले की रिपोर्ट दर्ज
सुमन ने घटना की जानकारी राज्यसभा के सभापति को दी और बताया कि हमलावरों का इरादा उनके परिवार को नुकसान पहुंचाना था। आगरा पुलिस ने हमले के एक दिन बाद अज्ञात हमलावरों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। यह घटना मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के आगरा दौरे के दौरान हुई, जिससे राजनीतिक हलकों में यह घटना और भी गंभीर हो गई।
मामले का राजनीतिक असर
यह घटना समाजवादी पार्टी और करणी सेना के बीच तनाव को और बढ़ा सकती है, क्योंकि दोनों पक्षों के बीच ऐतिहासिक मुद्दों पर तीखी बहस हो रही है। सुमन ने कहा कि उनका बयान ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित था और वह अपने विचारों से पीछे नहीं हटेंगे।