उमर की मोदी और अमित शाह को चुनौती, हिम्मत है तो 370 को हटाकर दिखाएं

punjabkesari.in Tuesday, Apr 09, 2019 - 05:42 PM (IST)

श्रीनगर : लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी की ओर से जारी घोषणापत्र में अनुच्छेद 370 हटाने की बात कही गई है, इसपर नेशनल कांफ्रेंस उपाध्यक्ष और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आपत्ति जताई है। उमर अब्दुल्ला ने खुली चुनौती दी है कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह में हिम्मत है तो वे अनुच्छेद 370 को हटाकर दिखाएं। उन्होंने कहा कि भाजपा के घोषणापत्र का मकसद हमारे शरिया कानून को बदलने का है, जो हम होने नहीं देंगे। उतरी कश्मीर के सरहदी जिले कुपवाड़ा के हंदवाड़ा में चुनावी जनसभा में उमर अब्दुल्ला भाजपा के मैनिफेस्टो पर सवाल खड़े किए। उमर ने कहा कि भाजपा ने मैनिफेस्टो जारी किया है। पुरानी बातें दोहराई दुहराई गई है। कहीं मस्जिद की बात हुई, कहीं मंदिर की बात हुई। कहीं कॉमन सिविलकोड की बात की है, लेकिन सबसे ज्यादा जोर उन्होंने अनुच्छेद 35-ए और धारा 370 को हटाने पर दिया है।


उमर ने कहा कि भाजपा वाले क्यों नहीं समझते हैं कि जब यह रियासत भारत का हिस्सा बना तो वह बाकी राज्यों की तरह वाले हालात नहीं थे। हमने अपना हक हासिल किया। बातचीत के जरिए जब महाराजा ने विलय के कागजात पर हस्ताक्षर किए तो बाकी रियासतों की तरह हम घुलमिल नहीं हुए। हमने अपना झंडा रखा, अपना कानून कायम रखा, जो कि बाकी की रियासतों ने नहीं किया। भाजपा वाले कहते हैं हम 370 और 35-ए को हटाएंगे। मोदी साहब अमित शाह साहब में आज आप को हंदवारा की जमीन से चैलेंज करता हूं, नहीं हटा पाएंगे। आप इस रियासत के लोग आप को इसकी इजाजत नहीं देंगे। नेशनल कान्फ्रेंस उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने भाजपा के घोषणापत्र का जिक्र करते हुए राज्यपाल सत्यपाल मलिक पर निशाना साधा।


माकपा नेता मोहम्मद यूसुफ  तारीगामी ने कहा कि भाजपा का अपने घोषणपत्र में अनुच्छेद 370 और 35ए को निरस्त करने की बात शामिल करना लोकसभा चुनावों से पहले मतदाताओं की आंख में धूल झोंकने का एक और प्रयास है।  तारीगामी ने कहा कि भाजपा के 2014 के घोषणापत्र की जांच करें तो पता चलता है कि हर साल दो करोड़ नौकरियां देने, किसानों की आय दोगुनी करने और तमाम अन्य वादे झूठे साबित हुए।
 


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Monika Jamwal

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