पिता के पुराने सामान में मिला 500 का Old Note, जानिए क्या है इसका असली मूल्य?
punjabkesari.in Wednesday, Feb 12, 2025 - 04:07 PM (IST)
नेशनल डेस्क। एक रेडिट यूजर ने अपने पिता के पुराने सामानों में एक पुराना 500 रुपये का नोट मिला जिसे देखकर उन्हें यह सवाल उठने लगा कि क्या इस नोट की कीमत उसके वास्तविक मूल्य से ज्यादा हो सकती है। इस नोट की तस्वीरें उन्होंने रेडिट पर शेयर की और लिखा कि यह 1970 के दशक का 500 रुपये का नोट है जो कुछ खराब हालत में था लेकिन उसे यह जानने की उत्सुकता थी कि क्या यह कलेक्टरों के लिए किसी मूल्य का हो सकता है?
नोट की स्थिति और हकीकत
हालांकि यह नोट सबसे अच्छे हालात में नहीं था। यह फटा हुआ था एक हिस्सा गायब था और इसे टेप से जोड़ा गया था लेकिन भारतीय रिज़र्व बैंक के इतिहास से पता चलता है कि 500 रुपये का नोट पहली बार 1987 में जारी किया गया था न कि 1970 के दशक में जैसा कि यूजर ने दावा किया था। इसके बाद 1000 रुपये का नोट भी जारी हुआ। इसका मतलब यह था कि यह नोट 1970 के दशक का नहीं हो सकता।
रेडिट यूजर्स का रिएक्शन
रेडिट यूजर्स ने जल्दी से नोट की असलियत का ध्यान दिलाया और इसे लेकर विभिन्न प्रतिक्रियाएं दीं। एक यूजर ने कहा, "यह नोट C. Rangarajan द्वारा साइन किया गया है जो 1992 से 1997 तक RBI के गवर्नर थे इसलिए यह नोट 1970 के दशक का नहीं हो सकता।" एक और यूजर ने कहा, "यह नोट 1992-1997 के बीच का है और 1970 के दशक में 500 रुपये का नोट नहीं था इसलिए इसका कोई कलेक्टर मूल्य नहीं है।"
क्या करें इस नोट का?
नोट की खराब स्थिति को देखते हुए कुछ यूजर्स ने सलाह दी कि इसे बैंक में जाकर बदला जाना चाहिए क्योंकि कलेक्टर्स आमतौर पर खराब स्थिति वाले नोटों में रुचि नहीं रखते हैं। एक यूजर ने कहा, "इसका मूल्य केवल 500 रुपये रहेगा इसलिए इसे बैंक में बदलवा लेना चाहिए।" कई यूजर्स ने यह भी कहा कि 2016 से पहले के 500 रुपये के नोट अब वैध मुद्रा नहीं हैं और उनका कोई अतिरिक्त मूल्य नहीं है।
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कलेक्टरों में इस नोट की रुचि नहीं
वहीं कई यूजर्स ने कहा कि कलेक्टर सामान्यत: फ्रेश और सही हालत वाले नोटों में रुचि रखते हैं और यदि नोट के पास लगातार सीरियल नंबर हैं तो उन्हें अधिक मूल्य मिल सकता है। इस स्थिति में यदि नोट का सही हालात में होना जरूरी है तो कलेक्टर्स के लिए यह नोट कोई खास आकर्षण नहीं होगा।
फिलहाल कुल मिलाकर यह पुराना 500 रुपये का नोट कलेक्टर्स के लिए कोई विशेष मूल्य नहीं रखता है खासकर इसकी खराब स्थिति के कारण। यदि आप इसे रखने का विचार कर रहे हैं तो यह एक ऐतिहासिक मूल्य हो सकता है लेकिन इसका वास्तविक बाजार मूल्य वही 500 रुपये रहेगा।