ऑफ द रिकार्ड: अब पी.डी.पी. के सांसदों पर भाजपा की नजर

punjabkesari.in Saturday, Jul 06, 2019 - 05:27 AM (IST)

नेशनल डेस्क: राज्यसभा में टी.डी.पी. के 4 सांसदों को तथा इनैलो के एकमात्र सांसद को तोड़ कर भाजपा में शामिल करने के बाद अब पार्टी की नजर उच्च सदन में पी.डी.पी. के 2 सांसदों पर है। राज्यसभा में भाजपा के अपने 76 सांसद हैं जबकि बीजद तथा अन्य सहयोगी पाॢटयों के समर्थन से भाजपा के समर्थक सांसदों का आंकड़ा 112 तक पहुंच गया है और इस प्रकार भाजपा ने 236 सदस्यों वाले उच्च सदन में पहले ही कामचलाऊ बहुमत हासिल कर लिया है लेकिन राज्यसभा में अपना संख्याबल बढ़ाने का उसका अभियान अभी जारी है। इसलिए उसकी नजर पी.डी.पी. के 2 सांसदों पर है। 

यदि सूत्रों की मानें तो सत्ताधारी दल ने राज्यसभा में इन 2 सांसदों को अपने खेमे में लाने के प्रयास तेज कर दिए हैं। यदि सोमवार को पी.डी.पी. के इन दो सांसदों के भाषणों को संकेत माना जाए तो कुछ न कुछ खिचड़ी तो अवश्य पक रही है। गृहमंत्री अमित शाह द्वारा जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन बढ़ाए जाने के लिए लाए गए प्रस्ताव पर पी.डी.पी. सांसदों नाजिर अहमद और मीर मोहम्मद फैयाज ने अपने विचार रखे। 

सभापति द्वारा उन्हें बोलने के लिए विशेष अनुमति दी गई हालांकि नियमानुसार केवल एक ही सांसद को अपने विचार व्यक्त करने की अनुमति दी जाती है। इस दौरान दोनों सांसदों ने मोदी सरकार की आलोचना करने से परहेज किया बल्कि नाजिर अहमद ने कहा, ‘‘अमित शाह के घाटी के दौरे ने राज्य के लोगों में एक नई उम्मीद पैदा की है और यह घावों को भरने का सही समय है।’’

मीर मोहम्मद फैयाज ने भी इसी तरह के विचार व्यक्त किए और एक कदम आगे जाते हुए कहा कि पिछले 70 साल की गलतियां नहीं दोहराई जानी चाहिएं। यह भी जानकारी मिली है कि इन दोनों सांसदों ने प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री जितेन्द्र सिंह से मुलाकात की है जो जम्मू-कश्मीर से लोकसभा सदस्य हैं। दोनों ओर से क्या बातचीत हुई इस बारे में अभी ज्यादा जानकारी नहीं है। उल्लेखनीय है कि दो साल पहले भाजपा और पी.डी.पी. का गठबंधन टूट गया था जिसके चलते महबूबा मुफ्ती सरकार गिर गई थी। 

हालांकि इस वर्ष हुए लोकसभा चुनावों में भाजपा ने जम्मू और लद्दाख क्षेत्र में 3 सीटों पर जीत हासिल की जबकि डा. फारूक अब्दुल्ला की नैशनल कांफ्रैंस ने घाटी की तीनों सीटें जीतीं और पी.डी.पी. खाली हाथ रह गई। यहां तक कि महबूबा मुफ्ती भी अपनी लोकसभा सीट हार गईं। अब पी.डी.पी. के पास केवल राज्यसभा में 2 सांसद रह गए हैं। उधर पहले ही यह चर्चा है कि कांग्रेस और जम्मू-कश्मीर नैशनल कॉन्फ्रैंस गठबंधन करेंगी जिससे पी.डी.पी. अलग-थलग पड़ जाएगी। इस प्रकार भाजपा बिना किसी औपचारिक गठबंधन के घाटी में अपना प्रभाव बनाए रखना चाहती है।


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Pardeep

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