पीलीभीत टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या बढ़ी, लेकिन बढ़ा मानव-वन्यजीव संघर्ष का खतरा
punjabkesari.in Sunday, Aug 03, 2025 - 07:37 PM (IST)
नेशनल डेस्क: पीलीभीत टाइगर रिजर्व (पीटीआर) में बाघों की संख्या में इजाफा हुआ है। एक आंतरिक सर्वेक्षण के अनुसार, पिछले तीन वर्षों में बाघों की संख्या 71 से बढ़कर लगभग 80 हो गई है। यह सर्वेक्षण पीटीआर और वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।
पीटीआर के प्रभागीय वनाधिकारी (डीएफओ) मनीष सिंह ने बताया कि इस संख्या में वे बाघ शामिल नहीं हैं जो रिजर्व के भीड़भाड़ वाले कोर क्षेत्र से बाहर जाकर आसपास के खेतों में रह रहे हैं। ऐसे बाघों की संख्या कुल आबादी का लगभग 30 से 35% हो सकती है।
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की 2022 की जनगणना में पीटीआर में 71 बाघों की पुष्टि हुई थी, जिसमें एक साल से कम उम्र के शावकों को नहीं गिना गया था।
कैसे किया गया सर्वेक्षण
यह आंतरिक सर्वेक्षण नवंबर 2024 में शुरू हुआ था और मार्च 2025 में पूरा हुआ। रिजर्व के 620 वर्ग किलोमीटर कोर क्षेत्र को 2x2 किलोमीटर के 316 ग्रिड में बांटा गया था। सीमित संसाधनों के कारण सर्वेक्षण दो चरणों में किया गया।
पहले चरण में माला, महोफ और देउरिया वन रेंज में कैमरा ट्रैप लगाए गए थे, जिन्हें जनवरी के अंत में हटाया गया। दूसरे चरण में फरवरी में बहरही और हरिपुर रेंज में कैमरे लगाए गए, जो मार्च के अंत तक डाटा संग्रह के लिए रखे गए थे।
डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के जीवविज्ञानी आशीष बिस्टा और रोहित रवि ने चार महीने में कैमरा ट्रैप से मिली तस्वीरों का विश्लेषण कर अनुमान तैयार किया। दुधवा टाइगर रिजर्व के क्षेत्र निदेशक एच. राजामोहन ने बताया कि वहां के डाटा का विश्लेषण अभी चल रहा है।
बढ़ते बाघ, बढ़ता खतरा
बाघों की बढ़ती आबादी से एक ओर तो संरक्षण की दिशा में सफलता मिली है, लेकिन दूसरी ओर यह ग्रामीण इलाकों में मानव-वन्यजीव संघर्ष को भी बढ़ा रही है। डीएफओ मनीष सिंह ने बताया कि 14 मई से 17 जुलाई के बीच आवारा बाघों ने सात ग्रामीणों की जान ले ली।
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