बड़ी खबर! अब राजधानी दिल्ली में 11 नहीं 13 जिले होंगे कुल... कैबिनेट ने दी मंजूरी; देखें पूरी लिस्ट
punjabkesari.in Sunday, Nov 23, 2025 - 11:54 AM (IST)
नेशनल डेस्क : दिल्ली में प्रशासन को और आसान, तेज और जनता के अनुकूल बनाने के लिए सरकार बड़ा बदलाव करने जा रही है। इस योजना के तहत राजधानी के मौजूदा 11 राजस्व जिलों को बढ़ाकर 13 किया जाएगा। इसके साथ ही सब-डिवीजन (SDM ऑफिस) की संख्या भी 33 से बढ़ाकर 39 की जाएगी। सरकार का मानना है कि इससे जनता को सेवाएं तेजी से मिलेंगी और सरकारी दफ्तरों के चक्कर कम होंगे।
कैबिनेट ने दी मंजूरी
सरकारी सूत्रों के अनुसार दिल्ली कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। अब इसे उपराज्यपाल (LG) के पास भेजा जाएगा। एलजी की अनुमति मिलने के बाद ही नई जिलावार व्यवस्था लागू होगी। योजना के तहत प्रत्येक जिले में मिनी सचिवालय बनाया जाएगा, जहां कानून-व्यवस्था को छोड़कर सभी विभागों से जुड़े काम एक ही परिसर में पूरे होंगे। इससे आम लोगों को कई दफ्तरों में भटकना नहीं पड़ेगा।
दिल्ली का नया नक्शा
नई जिलावार योजना नगर निगम के 11 जोन को आधार बनाकर बनाई गई है। बदलाव के अनुसार सदर जोन का नाम बदलकर पुरानी दिल्ली जिला रखा जाएगा। यमुना पार इलाके में पूर्वी और उत्तर–पूर्वी जिले खत्म कर दो नए जिले शाहदरा उत्तर और शाहदरा दक्षिण बनाए जाएंगे। मौजूदा उत्तरी जिला अब सिविल लाइंस और पुरानी दिल्ली में बंटेगा। दक्षिण-पश्चिम जिले का बड़ा हिस्सा नए नजफगढ़ जिला में शामिल होगा।
नए जिलों की सूची (प्रस्तावित)
- पुरानी दिल्ली – सदर बाजार, चांदनी चौक
- मध्य दिल्ली – डिफेंस कॉलोनी, कालकाजी
- नई दिल्ली – नई दिल्ली, दिल्ली कैंट
- सिविल लाइंस – अलीपुर, आदर्श नगर, बादली
- करोल बाग – मोती नगर, करोल बाग
- केशव पुरम – शालीमार बाग, शकूर बस्ती, मॉडल टाउन
- नरेला – नरेला, मुंडका, बवाना
- नजफगढ़ – द्वारका, बिजवासन–वसंत विहार, कापसहेड़ा, नजफगढ़
- रोहिणी – रोहिणी, मंगोलपुरी, किराड़ी
- शाहदरा दक्षिण – गांधी नगर, विश्वास नगर, कोंडली
- शाहदरा उत्तर – करावल नगर, सीमापुरी, सीलमपुर, शाहदरा
- दक्षिण जिला – महरौली, मालवीय नगर, देवली, आरके पुरम
- पश्चिम जिला – विकासपुरी, जनकपुरी, मादीपुर
जनता को क्या लाभ मिलेगा?
दिल्ली की बड़ी आबादी रोजाना सरकारी कामों के लिए कई दफ्तरों के चक्कर काटती है। कई बार एक विभाग से दूसरे विभाग जाने में समय और धन दोनों की बर्बादी होती है। सरकार का मानना है कि जिलों और सब-डिवीजनों की संख्या बढ़ने से सेवाएं लोगों के करीब उपलब्ध होंगी।
इसके अलावा, फाइलों का निपटारा तेजी से होगा, दफ्तरों में भीड़ कम होगी और प्रशासनिक प्रक्रियाओं में पारदर्शिता बढ़ेगी। विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली की तेजी से बढ़ती आबादी को देखते हुए यह पुनर्गठन बहुत जरूरी है। नई जिलेबंदी से राजधानी का प्रशासन और अधिक आधुनिक, चुस्त और सुगम बन सकेगा।
