IGI से ‘जेवर एयरपोर्ट’ पहुंचने में अब लगेगा सिर्फ 1 घंटा

punjabkesari.in Friday, Jan 17, 2020 - 11:20 AM (IST)

बिजनेस डेस्क: इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (आई.जी.आई.) से ‘जेवर एयरपोर्ट’ तक अब आप सिर्फ 1 घंटे में पहुंच जाएंगे। इस समय इन दोनों हवाई अड्डों के बीच की दूरी 3 घंटे से अधिक की है। इस दूरी को कम करने की जिम्मेदारी यमुना एक्सप्रैस-वे प्राधिकरण ने राइट्स को दी है। इसके लिए मल्टी मॉडल कनैक्टीविटी का सर्वे शुरू हो चुका है। ग्रेटर नोएडा के जेवर में बनने वाले भारत के सबसे बड़े एयरपोर्ट का कामकाज तेजी से जारी है। ‘जेवर एयरपोर्ट’ अपने नाम के अनुरूप उत्तर प्रदेश और नोएडा के लोगों के लिए वास्तव में जेवर (आभूषण) साबित होने वाला है। उत्तर प्रदेश सरकार के इस ड्रीम प्रोजैक्ट के कारण लाखों की संख्या में रोजगार के अवसर तो पैदा होंगे ही, इससे मंदी की मार झेल रहा नोएडा का रियल एस्टेट कारोबार फिर से नई ऊंचाइयां छूने लगेगा। इसके निर्माण के साथ ही क्षेत्र में विकास और कारोबार की नई संभावनाओं के द्वार खुल जाएंगे। यह पूरा प्रोजैक्ट करीब 5000 हैक्टेयर में फैला होगा। इस तरह जेवर एयरपोर्ट देश का सबसे बड़ा, एशिया का दूसरा सबसे बड़ा और दुनिया का 5वां सबसे बड़ा हवाई अड्डा बन जाएगा। सऊदी अरब के दम्मम में 77,600 हैक्टेयर जमीन पर बना किंग फहद इंटरनैशनल एयरपोर्ट दुनिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट है। क्षेत्र के लिहाज से ‘जेवर एयरपोर्ट’ दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से दोगुना होगा। इसका पहला चरण 2023 तक तैयार हो सकता है। इसके बनने के दिल्ली-एन.सी.आर. में दो अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट हो जाएंगे। उत्तर प्रदेश के  जिला गौतम बुद्ध नगर में स्थित जेवर नोएडा से 56 किलोमीटर दूर है।

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निर्माण का ठेका जीतने वाली ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनैशनल एजी ने देखी साइट 
स्विट्जरलैंड की कंपनी ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनैशनल एजी की टीम ने 15 जनवरी को साइट का दौरा किया। ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनैशनल एजी को ही एयरपोर्ट के निर्माण का ठेका मिला है। कंपनी इसी साल फरवरी में एयरपोर्ट का निर्माण शुरू करना चाहती है। कंपनी के सी.ई.ओ. स्टीफन विडरिग के नेतृत्व में एक टीम ने बुधवार को एयरपोर्ट साइट का दौरा किया। टीम ने एन.आई.ए.एल. (नोएडा इंटरनैशनल एयरपोर्ट लिमिटेड) के अधिकारियों से मुलाकात की और नए एयरपोर्ट के मास्टर प्लान पर विचार-विमर्श करने के साथ एक विस्तृत प्रैजेंटेशन पेश किया। 

 

ड़क कनैक्टीविटी की तारीफ: एन.आई.ए.एल. के नोडल ऑफिसर शैलेंद्र भाटिया ने बताया कि स्विट्जरलैंड की टीम ने जेवर में उपलब्ध अच्छी सड़क कनैक्टीविटी जैसे ईस्टर्न पैरीफेरल एक्सप्रैस-वे और यमुना एक्सप्रैस-वे से जुड़ाव की तारीफ  की।

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जेवर एयरपोर्ट का 6 रनवे में होगा विस्तार
प्रदेश सरकार नोएडा ग्रीनफील्ड जेवर एयरपोर्ट का भविष्य में दो रनवे से 6 रनवे में विस्तार करेगी। इसके लिए कंसल्टैंट से स्टडी कराने से संबंधित कार्रवाई शुरू कर दी गई है। स्टडी रिपोर्ट आने के बाद रनवे विस्तार के लिए आवश्यक जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। प्रदेश सरकार जेवर एयरपोर्ट को प्रदेश की अर्थव्यवस्था में बड़ा असर डालने वाले प्रोजैक्ट के रूप में देख रही है। ऐसे में इसकी पूरी क्षमता का जल्द से जल्द उपयोग करने के लिए इसकी विस्तार योजना पर भी साथ-साथ काम करने का फैसला किया है। 

 

38 हैक्टेयर जमीन पर लिया कब्जा
जेवर इंटरनैशनल एयरपोर्ट के लिए तीन गांवों की 38.2775 हैक्टेयर जमीन पर बुधवार को जिला प्रशासन ने कब्जा लेकर यमुना अथॉरिटी के अधिकारियों को सौंप दिया है। इस जमीन का किसानों ने मुआवजा नहीं लिया था। इस जमीन का मुआवजा जिला प्रशासन ने भूमि अर्जन पुनर्वास और पुनव्र्यवस्थापना प्राधिकरण में जमा करा दिया है। 

 

10 करोड़  से भी ज्यादा यात्रियों का अनुमान
एक रिपोर्ट के अनुसार जेवर एयरपोर्ट 2050 तक 37 घरेलू और 31 अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों को हैंडल करते हुए 10 करोड़ से भी ज्यादा यात्रियों को उड़ान की सुविधा प्रदान करेगा। 

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मैट्रो के लिए तैयार हो रहा फंडिंग पैटर्न  
जेवर एयरपोर्ट मैट्रो की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डी.पी.आर.) नोएडा मैट्रो रेल कार्पोरेशन (एन.एम.आर.सी.) से वापस उत्तर प्रदेश मैट्रो रेल कार्पोरेशन (यू.पी.एम.आर.सी) को भेजी जाएगी। यू.पी. एम. आर.सी. जेवर एयरपोर्ट मैट्रो के लिए फंङ्क्षडग पैटर्न तय करेगा। फंङ्क्षडग पैटर्न तय होने पर मैट्रो परियोजना पर काम आगे बढ़ेगा। 

 

काटे जाएंगे 10 हजार पेड़ 
जेवर के पास बनने वाले इंटरनैशनल एयरपोर्ट के लिए 10 हजार पेड़ काटे जाएंगे। इसके बदले में 30 एकड़ जमीन पर पौधे लगाए जाएंगे और 3 साल तक उनकी देखभाल भी की जाएगी। पौधारोपण प्रशासन, वन विभाग और यमुना प्राधिकरण मिलकर करेंगे। इसके लिए तीनों विभाग 10.10 एकड़ जमीन का इंतजाम करेंगे। पौधारोपण आधुनिक तरीके से किया जाएगा। 

 

प्रति यात्री सबसे ज्यादा 400.97 रुपए की बोली लगाई
जेवर एयरपोर्ट के 29,560 करोड़ रुपए के प्रोजैक्ट के निर्माण के लिए ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनैशनल को पिछले साल नवंबर माह में जिम्मेदारी मिली थी। ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनैशनल ने अडानी ग्रुप और डी.आई.ए.एल. को पछाड़ते हुए बाजी मारी थी। स्विट्जरलैंड में मुख्यालय वाली ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनैशनल ने जेवर एयरपोर्ट के लिए प्रति यात्री सबसे ज्यादा 400.97 रुपए की बोली लगाई। ज्यूरिख एयरपोर्ट के अलावा डी.आई.ए.एल. (दिल्ली इंटरनैशनल एयरपोर्ट लिमिटेड) ने 351, अडानी इंटरप्राइजेज ने 360 और एंकोरेज इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वैस्टमैंट्स होल्डिंग्स ने 205 रुपए की बोली लगाई थी। यह बिङ्क्षडग प्रति यात्री मिलने वाले राजस्व के हिसाब से की गई थी। 
 


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vasudha

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