'कोई भी लौटना नहीं चाहता, कम से कम नौ और विधायक हमारे संपर्क में हैं', राजेंद्र राणा का बड़ा बयान
punjabkesari.in Saturday, Mar 02, 2024 - 04:16 PM (IST)
नेशनल डेस्क: राज्यसभा चुनाव में ‘क्रॉस वोटिंग' करने वाले हिमाचल प्रदेश के छह कांग्रेस विधायकों में शामिल और बाद में विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित किए गए राजेंद्र राणा ने शनिवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के इस दावे को हास्यास्पद करार दिया कि कुछ बागी विधायक लौटना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी के कम से कम नौ और विधायक उनके संपर्क में हैं। उन्होंने सुक्खू पर अपने बयानों से लोगों को गुमराह करने का भी आरोप लगाया। राणा ने कहा, ‘‘कोई भी लौटना नहीं चाहता। वहीं, दूसरी ओर कम से कम नौ विधायक हमारे संपर्क में हैं।''
इस बीच, सुक्खू ने दावा किया कि कांग्रेस के 80 प्रतिशत विधायक एकसाथ हैं और शेष विधायक मामूली मुद्दों को लेकर असंतुष्ट हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने अयोग्य घोषित किए गए छह विधायकों के साथ चर्चा की है और समन्वय समिति के गठन के बाद स्थिति निश्चित तौर पर बेहतर हो जाएगी।
‘क्रॉस वोटिंग' को लेकर क्या बोले राणा?
राज्य में राज्यसभा की एक सीट पर हुए चुनाव में ‘क्रॉस वोटिंग' के बारे में पूछे जाने पर राणा ने कहा, ‘‘हमने हिमाचल प्रदेश और इसके लोगों का सम्मान बरकरार रखने के लिए यह फैसला लिया।'' उन्होंने पूछा, ‘‘क्या कांग्रेस के पास प्रदेश में पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच से ऐसा कोई उम्मीदवार नहीं था जो राज्यसभा में हिमाचल प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर सके?'' हिमाचल प्रदेश से राज्यसभा के लिए अभिषेक मनु सिंघवी की जगह सोनिया गांधी के चुनाव लड़ने की स्थिति में ‘क्रॉस वोटिंग' होने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर राणा ने कहा, ‘‘उन्होंने देश के लिए बहुत योगदान दिया है और कांग्रेस अध्यक्ष रह चुकी हैं। अगर वह यहां से चुनाव लड़तीं, तो एक अलग बात होती।''
#WATCH | Chandigarh: On the disqualification of 6 MLAs after the cross-voting in Rajya Sabha elections in Himachal Pradesh, disqualified (Congress) MLA Rajinder Rana says, "We will go to the court soon. This disqualification by the Speaker was done completely under pressure. The… pic.twitter.com/XNyn0VKyMu
— ANI (@ANI) March 2, 2024
अंतरात्मा की आवाज सुनी- इंद्रदत्त लखनपाल
भाजपा ने प्रदेश में राज्यसभा की सीट जीत ली और पार्टी के उम्मीदवार हर्ष महाजन ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिंघवी को हरा दिया। कांग्रेस के एक और अयोग्य घोषित किए गए विधायक इंद्रदत्त लखनपाल ने कहा, ‘‘कुछ लोग अब हमें बागी या गद्दार कह रहे हैं। लेकिन हम ऐसे नहीं हैं। हमने अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनी। यह हमारा व्यक्तिगत निर्णय था।''
कांग्रेस के 80 प्रतिशत विधायक एकसाथ- सुक्खू
हालांकि, सुक्खू ने दावा किया, ‘‘कांग्रेस के 80 प्रतिशत विधायक एकसाथ हैं और शेष लोग मामूली बातों को लेकर हमसे नाराज हैं। चीजों को स्पष्ट करना मेरी जिम्मेदारी है, इसलिए मैंने उनसे (अयोग्य घोषित किए गए कांग्रेस के छह विधायकों) चर्चा की है।'' भाजपा के इस दावे के बारे में कि हिमाचल प्रदेश सरकार गिर सकती है, मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘क्रॉस वोटिंग' के बाद उसके हौसले बुलंद हैं लेकिन इस तरह की स्थिति दोबारा पैदा नहीं होगी। आगामी लोकसभा चुनाव के बारे में पूछे जाने पर सुक्खू ने कहा, ‘‘समन्वय समिति के गठन के बाद स्थिति निश्चित रूप से बेहतर हो जाएगी। हम पूरी ताकत से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस ने पिछले 14 महीनों में राज्य में ईमानदार और पारदर्शी शासन दिया है।''
हाईकोर्ट में करेंगे अपील- बागी विधायक
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने विधानसभा में बजट पर मतदान से अनुपस्थित रहने के कारण, हालिया राज्यसभा चुनाव में ‘क्रॉस वोटिंग' करने वाले छह कांग्रेस विधायकों को बृहस्पतिवार को अयोग्य घोषित कर दिया। अयोग्य घोषित किए गए विधायकों में से एक ने कहा कि वे विधानसभा अध्यक्ष के आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील करेंगे। ये विधायक वित्त विधेयक पर सरकार के पक्ष में मतदान करने के पार्टी व्हिप की अवहेलना करते हुए विधानसभा में बजट पर मतदान के दौरान अनुपस्थित रहे थे। राज्य में सत्तारूढ़ दल कांग्रेस ने इस आधार पर उन्हें अयोग्य घोषित किए जाने की मांग की थी। अयोग्य घोषित किए गए विधायकों में राजेंद्र राणा, सुधीर शर्मा, इंद्रदत्त लखनपाल, देवेंद्र कुमार भुट्टो, रवि ठाकुर और चैतन्य शर्मा शामिल हैं।