सरकार का बड़ा कदम: चुनाव से पहले मंत्रियों की सैलरी में जबरदस्त बढ़ोतरी, सरकारी नौकरियों का पिटारा भी खोला
punjabkesari.in Tuesday, Apr 08, 2025 - 03:13 PM (IST)

नेशनल डेस्क: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर राजनीतिक माहौल गरमाता जा रहा है। चुनावी माहौल से पहले नीतीश सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। मंगलवार को नीतीश कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जिसमें मंत्रियों की सैलरी में बढ़ोतरी और राज्य में सरकारी नौकरियों का बड़ा ऐलान शामिल है। इन कदमों से यह साफ संकेत मिलता है कि नीतीश कुमार आगामी विधानसभा चुनावों में सत्ता को बरकरार रखने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
मंत्रियों की सैलरी में इजाफा
कैबिनेट की बैठक में राज्य मंत्रियों और उप मंत्रियों के मासिक वेतन में बढ़ोतरी का फैसला लिया गया है। राज्य मंत्रियों का मासिक वेतन अब 50,000 रुपए से बढ़कर 65,000 रुपए हो जाएगा। वहीं, उप मंत्रियों के लिए आतिथ्य भत्ता 23,500 रुपए से बढ़कर 29,000 रुपए हो गया है। इसके अलावा, क्षेत्रीय भत्ते को भी 55,000 रुपए से बढ़ाकर 70,000 रुपए किया गया है, और दैनिक भत्ता 3,000 रुपए से बढ़ाकर 3,500 रुपए कर दिया गया है। सरकारी कार्यों के लिए यात्रा भत्ता भी 15 रुपये प्रति किलोमीटर से बढ़ाकर 25 रुपये प्रति किलोमीटर कर दिया गया है।
सरकारी नौकरियों का बड़ा ऐलान
नीतीश सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले युवाओं के लिए सरकारी नौकरियों का बड़ा ऐलान भी किया है। कृषि विभाग में 2590 पदों पर भर्ती की जाएगी, वहीं मद्य निषेध विभाग में 48 पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। इसके अलावा, स्वास्थ्य विभाग में 20,000 से अधिक नए पदों की घोषणा की गई है। बिहार कर्मचारी चयन आयोग के तहत डाटा एंट्री ऑपरेटर के 35 पदों पर भर्ती होगी, जबकि सचिवालय के तहत सहायक उर्दू अनुवादक के कुल 3306 पदों पर नियुक्तियां की जाएंगी।
चुनावी तैयारियां तेज़
बिहार में विधानसभा चुनाव के साथ ही राजनीति की गतिविधियां भी तेज हो गई हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने हाल ही में बिहार का दौरा किया। दोनों नेताओं ने अपनी-अपनी पार्टी की चुनावी तैयारियों पर चर्चा की। साथ ही, आरजेडी और जेडीयू भी अपनी रणनीतियों पर काम कर रहे हैं। नीतीश सरकार के ये कदम चुनावी समय में उनके लिए सत्ता में बने रहने के प्रयास को स्पष्ट करते हैं। बढ़ी हुई सैलरी और सरकारी नौकरियों का ऐलान उनकी चुनावी रणनीति का अहम हिस्सा हो सकता है, जो उन्हें युवाओं और कर्मचारियों के बीच लोकप्रिय बनाने की दिशा में मदद करेगा।